निरक्षर बेटियों के जीवन में शिक्षा का उजियाला कर रही आकांक्षा
जेएनएन बिजनौर। सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा ही एक अच्छा माध्यम है। गरीबी के साथ मजबूरी हो
जेएनएन, बिजनौर। सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा ही एक अच्छा माध्यम है। गरीबी के साथ मजबूरी हो तो शिक्षा काफी बच्चों से दूर हो जाती है। धूल के फूल बन कर रहने वाली इन छात्राओं के आकांक्षा चौहान सहारा बनी है। आकांक्षा चौहान ने अनेक बेटियों का स्कूल में प्रवेश कराकर उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ रही है। उन्होंने इसे अपना मकसद बना लिया है और बेटियों को शिक्षा के साथ जरूरतमंद परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक मदद करती हैं।
गांव रामौरूपपुर निवासी आकांक्षा चौहान घरेलू महिला हैं, लेकिन शिक्षा की ज्योत हर ओर जलाने के लिए वह अग्रसर हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ समाजसेवा में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती है। वह गरीब बेटियों के लिए कुछ करने का जज्बा लेकर आगे चल पड़ी हैं। उनका परिवार भी उनकी मदद करता है। वह अपने स्कूल में करीब 70 बेटियों को बिना फीस आदि के शिक्षा दिला रही है। जो आर्थिक के अंधेरे में शिक्षा की सीढि़यां चढ़ने में असमर्थ हैं। आकांक्षा ने बताया कि उनके इस कार्य में हमेशा से ही पति एवं परिवार का सहयोग पूरा मिलता है। शिक्षा के साथ-साथ वह उन परिवारों का भी सहयोग करती हैं, जिनकी बेटियों की शादी करने में आर्थिक स्थिति सामने आती है। उनकी शादी के लिए आर्थिक सहयोग देती हैं। साथ ही बेटियों को स्वावलंबी बनाने के लिए काम करने के साथ सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेती हैं। उन्होंने अनेक लड़कियों को शिक्षा का ज्ञान दिया तथा उन्हें स्वावलंबी बनने में मदद की। उनके इस कार्य में उनसे ज्ञान प्राप्त करने वाली कई लड़कियां भी सहयोग कर रही हैं।