मेरा अभिमान है हिदी, मेरा अरमान है हिदी
बिजनौर जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय हिदी दिवस पर दैनिक जागरण की ओर से वेबिनार का आयोजन किया
बिजनौर, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय हिदी दिवस पर दैनिक जागरण की ओर से वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में हिदी को कार्य-व्यवहार का अहम हिस्सा बनाने वालों के साथ-साथ कवियों, साहित्यकारों और रचनाकारों ने भागीदारी करते हुए हिदी भाषा को नमन किया। हास्य कवि हुक्का बिजनौरी कहते हैं कि न्यूजीलैंड में 25 प्रतिशत लोग हिदी बोलते हैं। हमें एक नहीं 365 दिन हिदी दिवस मनाना चाहिए।
सोमवार को अंतरराष्ट्रीय हिदी दिवस पर हुई युग हस्ताक्षर संस्था के प्रतिनिधि जितेंद्र कक्कड़ ने चारों दिशाओं में हमें हिदी का वर्चस्व बनाना है, अनेकों भाषाओं का सृजित हमारा खजाना है। हिदी है हमारे माथे की बिदिया की शोहरत, हिदी वतन हम हैं हिद को हिदी बनाना है.. पंक्तियों के जरिए हिदी को नमन किया। रमा जैन कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. दीप्ति गुप्ता ने हिदी को संपूर्ण भारत की भाषा बनाने का आह्वान करते काव्यात्मक शैली में कहा- भारत का गौरव व अभिमान हिदी, जन-जन की अभिव्यक्ति की सरल संरचना है हिदी, भारत धरा की विस्तृत भाषा, संपूर्ण भारत की खुशबू यही है। प्रेम-प्रीति रसगान है हिदी, संस्कृति देश का प्रतिमान है हिदी, ओजस परिपूर्ण शुभगान है हिदी..।
युवा कवि जसवंत सिंह प्रकाश ने मेरा अभिमान है हिदी, मेरा अरमान है हिदी। मैं हिदी का प्रहरी हूं, मेरी पहचान है हिदी। संचारित है रक्त बनकर हिदी मेरी शिराओं में, मैं इसका मान रखता हूं मेरा सम्मान है हिदी.. रचना प्रस्तुत करते हुए हिदी का गुणगान किया। वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र त्यागी ने मैं हिद की हूं, हिद मेरा निवास है, होता क्यों सालभर में एक ही दिन खास है। हिदी दिवस पर आ रही इंग्लिश में चिट्ठियां, बस इसलिए ही आजकल हिदी उदास है.. मन की पीड़ा व्यक्त करते हुए हिदी के उन्नयन का आह्वान किया। साहित्यकार रश्मि अग्रवाल ने हिदी माथे की बिदी क्यों न करें इस पर अभिमान, हर दिन इसको बोलें हम क्यों न सजाएं अपने भाल..एवं सेवानिवृत्त शिक्षक जयप्रकाश शर्मा ने खुशी उदार की कथा सरस्वती बखानती, उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती.. रचना से भाव-विभोर किया।
हिदी के सशक्त हस्ताक्षर हुक्का बिजनौरी ने कहा कि हिदी को राष्ट्र भाषा का दर्जा आज तक नहीं मिला। हिदी दिवस पर हम 14 सितंबर को कुछ कार्यक्रम कर हिदी को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं। हिदी को राष्ट्र भाषा का दर्ज तब मिलेगा, जब हम सब हिदी में ही काम करें। हिदी को बढ़ावा देने को काम करें। एक दिन हिदी के गुण गाने से कुछ नहीं होगा। हिदी दूसरे देशों में बोली व समझी जाती है। न्यूजीलैंड में 25 प्रतिशत लोग हिदी बोलते हैं। हमें एक नहीं 365 दिन हिदी दिवस मनाना है। इसके लिए लगातार प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने अपनी बात कुछ यूं कही, समझ नहीं कुछ आ रहा कुदरत का दस्तूर, बाहों में आकाश है फिर भी चंदा दूर।