आरोग्य मेले में 85 मरीजों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
जेएनएन बिजनौर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रविवार को आरोग्य मेले का आयोजन किया गया। जिसमें ि
जेएनएन, बिजनौर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रविवार को आरोग्य मेले का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न बीमारियों से संबंधित महिलाओं और बच्चों की जांच की गई। डाक्टरों ने उन्हें बीमारियों से बचाव के उपाय और सावधानी के बारे में जानकारी दी। साथ ही दवाइयां भी वितरित की गईं।
रविवार सुबह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धामपुर में आरोग्य मेले का आयोजन किया गया। जिसमें डाक्टरों ने वहां पहुंचे महिला, बच्चों और बुजुर्गों आदि के स्वास्थ्य का परीक्षण किया। मेले में डा. राहुल देव, डा. अर्चना, डा. प्रगति और डा. स्वाति पांडे ने मरीजों की जांच की। मौसम परिवर्तन होने से बच्चों में बीमारियां बढ़ रही हैं, डाक्टरों ने महिला व बच्चों को सावधानी बरतने की सलाह दी। इस दौरान आवश्यकतानुसार दवाइयां भी वितरित की गईं। पीएचसी प्रभारी डाक्टर मनीष राज शर्मा ने बताया कि रविवार को आरोग्य मेले में कुल 85 मरीजों का परीक्षण किया गया। उन्हें बीमारियों से बचाव के लिए उचित परामर्श दिया गया। इस दौरान फार्मासिस्ट विवेक कुमार, आंगनबाड़ी सुषमा, तबस्सुम, सीमा, अदिति और आभा आदि मौजूद रहीं। इसके अलावा तहसील क्षेत्र में अन्य पीएचसी व सीएचसी में आरोग्य मेले का आयोजन किया गया।
हाथ अल्लाह ने बख्शे हैं कमाने वाले
जेएनएन, बिजनौर। गालिब एकेडमी की ओर से महफिल-ए-मुशायरा व सम्मान समारोह का आयोजन किया है। अदबी खिदमत एवं समाजसेवा के लिए हाजी नौशाद अख्तर सैफी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अब्दुल गफ्फार कुरैशी को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। शायरों ने कलाम पेश कर खूब-वाहवाही लूटी।
गालिब एकेडमी की ओर से नसीम आलम एडवोकेट के निवास पर अब्दुल गफ्फार की अध्यक्षता में महफिल-ए-मुशायरा आयोजित हुआ। मुशायरे का आगाज अकरम जलालाबादी की नात-ए-पाक से हुआ। डा. तैय्यब जमाल ने कहा कि इक बार जिस पे चढ़ गया है आशिकी का रंग, गम क्या है उसके वास्ते क्या है खुशी का रंग। मौसूफ अहमद वासिफ ने कहा कि गर्दिश-ए-वक्त किसी जगह भी ले चल मुझको, हाथ अल्लाह ने बख्शे हैं कमाने वाले। शहादत अली निजामी ने कहा कि निजामी सारे जमाने में वो सुकून कहां, जो बात मर्द-ए-कलंदर की बारगाह में है। शकील अहमद वफा कि हुस्न का कूचा है हरगिज ना वहां जाना, काबू हो तुम्हें अपने दिल पर तो चले जाओ। उबैद अहमद ने कहा कि एक एक कतरा खूं का निचौड़ा जायेगा, फिर जाकर के कैद से छोड़ा जायेगा। सय्यद अहमद ने कहा कि मदीने में मरने की चाहत तो हैं पर, मौहल्ले की मस्जिद तो खाली हैं कब से। डा. रईस अहमद भारती ने कहा कि छांव में बैठ के कुछ देर सुस्ताले गरीब, दिल के विराने में वो पेड़ उगा दो यारों। शादाब जफर शादाब के संचालन में आयोजित महफिल-ए-मुशायरे में नासिर अहमद, हाफि•ा शादाब, अल्ताफ र•ा, मरगूब हुसैन नासिर आदि ने कलाम पेश किये। इस अवसर पर असगर अली अंसारी, अबरार सलमानी, मोबीन कुरैशी, शमीम कुरैशी, दाऊद कुरैशी, मजहर आलम, मरगूब आलम, महबूब आलम, जीशान नजीबाबाद, खुर्शीद कुरैशी, सरताज आलम एडवोकेट, असलम एडवोकेट, इकबाल चौधरी आदि मौजूद रहे।