एमएसपी पर लिखित गारंटी कानून दें
भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति के कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्याओं के निस्तारण की मांग उठाई। कार्यकर्ताओं ने समस्या को गंभीरता से नहीं लेने पर आंदोलन करने की बात कही है।
जेएनएन, बिजनौर। भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति के कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्याओं के निस्तारण की मांग उठाई। कार्यकर्ताओं ने समस्या को गंभीरता से नहीं लेने पर आंदोलन करने की बात कही है।
भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति के जिलाध्यक्ष रंधावा, दिनेश कुमार के नेतृत्व में किसान तहसील परिसर पहुंचे। किसानों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार राधेश्याम शर्मा को सौंपा। ज्ञापन में कहा कि कोरोना काल में किसान कई समस्याओं से घिरा है। किसानों का बकाया गन्ना भुगतान नहीं किया जा रहा है। सरकार किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है। किसानों ने तीनों कृषि कानून रद करने, एमएसपी पर लिखित गारंटी कानून बनाए जाने, बिजली की बढ़ी दरे वापस लेने, चीनी मिलों का विस्तारीकरण किए जाने, मालन नदी पुल से दोएजवाली तक खस्ताहाल मार्ग का निर्माण किए जाने सहित कई समस्याओं को उठाया। ज्ञापन देने वालों में महफूज, फईम अहमद,, राजकुमार आदि कार्यकर्ता शामिल रहे।
किसानों के गन्ना सट्टा प्रदर्शन की शुरूआत
धामपुर। गन्ना सर्वे होने के बाद अब गन्ना विभाग ने गन्ना सट्टा प्रदर्शन का कार्य शुरू कर दिया है। यह कार्य आगामी 30 अगस्त तक चलेगा। इसकी लिस्ट विभाग की टीम द्वारा गांव में जाकर किसानों को दिखाई जाएगी। इसमें यदि किसी किसान के सट्टे में कोई गड़बड़ी है तो वह उसे सही करा सकते हैं।
शुगर मिलों ने पेराई सत्र 2021-22 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए पहले गन्ने का सर्वे कार्य चल रहा था, जो अब पूरा हो गया है। इसके साथ ही अब गन्ना विभाग द्वारा सट्टा प्रदर्शन का कार्य शुरु कर दिया गया है। गन्ना सर्वे के आंकड़ों की लिस्ट गांव-गांव में किसानों को दिखाई जाएगी। इसमें यदि किसी किसान के गन्ना सर्वे में सट्टे के आंकड़े गलत हैं या फिर कोई अन्य त्रुटि है तो वह लिखित रूप से प्रार्थना पत्र देकर उसे सही करा सकता हैं। इसके लिए 65 टीमें लगाई गई हैं, जो गांव-गांव जाकर सट्टा प्रदर्शन का कार्य कर रही हैं। ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक अमित कुमार पांडे ने बताया कि किसी किसान के गन्ना सर्वे आंकड़े में कोई गड़बड़ी है तो वह उसे सही करा सकते हैं। बाद में यह ठीक नहीं हो पाएगी। उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने अभी तक घोषणा पत्र नहीं भरे हैं, वह घोषणा पत्र भर दें। जो किसान घोषणा पत्र नहीं भरेगा, उसे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।