एक बार फिर बढ़ा गंगा का जलस्तर, कटान तेज
बिजनौर जेएनएन। गंगा और मालन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंगा की तेज धार ने तहसील स
बिजनौर, जेएनएन। गंगा और मालन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गंगा की तेज धार ने तहसील सदर के खादर क्षेत्र में कटान तेज कर दिया है। वहीं रावली-ब्रह्मपुरी में मालन नदी पर बने रपटे पर तीन से चार फुट पानी बहने की वजह से गीदड़पुरा समेत कई गांवों का संपर्क बिजनौर मुख्यालय से कट गया है। इन गांवों के लोग मंडावर होकर बिजनौर आ रहे हैं। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों मे सोमवार को हुई झमाझम बारिश से गंगा का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया। सोमवार को भीमगोड़ा (उत्तराखंड) बैराज से 75 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, जबकि बैराज का जलस्तर मेंटेन करने के बाद 69,600 हजार क्यूसेक पानी बैराज की डाउन स्ट्रीम में डिस्चार्ज किया गया। सदर तहसील क्षेत्र के खादर में जलस्तर बढ़ने से गंगा की तेजधार ने ग्राम कुंदनपुर, इंछावाला, लाडपुर, लतीफपुर, रामजीवाला, डैबलगढ़ में कटान तेज कर दिया है। इसके अलावा गंगा सौफतपुर एवं गौसपुर में निरंतर कटान चल रहा है। रावली में गंगा और मालन नदी के मिलन स्थल हैं। यहां रावली और ब्रह्मपुरी के बीच बने रपटे पर तीन से चार फुट पानी चल रहा है। इस कारण गीदड़पुरा समेत कई अन्य गांवों का बिजनौर मुख्यालय से संपर्क टूट गया। इन गांवों के ग्रामीणों को मंडावर होते हुए बिजनौर आना पड़ा रहा है। पशुपालक अशोक, महिपाल, मोहन ने बताया की गंगा का जलस्तर बढ़ने से पशुओं के चारे का संकट गहरा गया है।
सौफतपुर एवं गौसपुर में कटान
नांगलसोती : पहाड़ी क्षेत्रों में रविवार की रात्रि और सोमवार सुबह से रुक-रुककर हुई बारिश से गंगा का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया। गंगा लगातार सौफतपुर व गौसपुर में कटान कर रही है। वहीं किनारे पर खड़े पेड़ गंगा की धार में बह गए। ग्रामीण उमर, नाजिम, नूरहसन, उस्मान आदि का कहना है कि जब तक गंगा पर स्थाई तटबंध नहीं बनाए जाएंगे, तब तक कटान नहीं रुकेगा।
खेतों में घुसा मालन का पानी
नांगलसोती : मालन नदी का पानी ग्राम बाखरपुर, पुंडरीकलां, सबलपुर बीतरा, रामनगर, बुड़गरा, बुड़गरा, मौअज्जमपुर आदि गांवों में घुस गया। इन गांवों के किसानों का कहना है कि अभी मालन की धार से खेतों में कटान शुरू नहीं हुआ है। यदि जलस्तर और अधिक बढ़ा तो कटान शुरू हो जाएगा।
.. इनका कहना है
जनपद में बाढ़ से निपटने के सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। सूखे चारे की पर्याप्त व्यवस्था है। जरूरत पड़ने पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु पालकों को चारा उपलब्ध करा दिया जाएगा।
- अवधेश कुमार मिश्रा, एडीएम (वित्त एवं राजस्व)/प्रभारी अधिकारी दैवीय आपदा। बरसात के दिनों में बिलों में पानी भरने से सांप बाहर निकलने लगते हैं। यदि किसी दबाव में सांप काटता है, उसका इलाज चिकित्सक से कराएं। सांप के काटे का इलाज है। सांप काटे के इलाज को झाड़-फूंक वालों के पास नहीं जाना चाहिए।
- डा. नीरज चौधरी, फिजिशियन।