फोरलेन चौड़ीकरण: प्रशासन सख्त, जेसीबी के आगे आए किसान
बिजनौरजेएनएन। नेशनल हाईवे के फोर लेन के निर्माण कार्य को भूमि अधिग्रहण करने का पेंच फंसा हुआ है। भू-स्वामियों और प्रशासन के बीच मुआवजे पर बात न बनने से अब प्रशासन सख्ती के मूड में आ गया है।
फोरलेन चौड़ीकरण: प्रशासन सख्त, जेसीबी के आगे आए किसान
बिजनौर,जेएनएन। नेशनल हाईवे के फोर लेन के निर्माण कार्य को भूमि अधिग्रहण करने का पेंच फंसा हुआ है। भू-स्वामियों और प्रशासन के बीच मुआवजे पर बात न बनने से अब प्रशासन सख्ती के मूड में आ गया है।
सोमवार को नगीना रोड पर एसडीएम के नेतृत्व में भूमि पर मौजूद पेड़ हटवाए गए। लोगों ने विरोध भी किया और काम रुकवाने के लिए जेसीबी के आगे प्रदर्शन किया। भू-स्वामियों का आरोप है कि प्रशासन उन्हें नाम मात्र का मुआवजा दे रहा है जिससे उन्हें लाखों का नुकसान हो रहा है। वहीं तहसील प्रशासन का कहना है कि मुआवजा लेने के लिए दो बार नोटिस देने के बावजूद भू-स्वामी नहीं पहुंचे।
नगीना रोड पर काशीपुर-हरिद्वार नेशनल हाईवे का चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है। नगीना रोड पर दुर्गा विहार कालोनी के पास से शेरकोट के लिए बाइपास बनाया जा रहा है, लेकिन दुर्गा विहार के सामने फतेहउल्लापुर खास मौजा में कुछ लोगों की भूमि है, जिन पर यूके-लिप्टिस आदि के पेड़ लगे हैं। इन भू-स्वामियों और प्रशासन के बीच मुआवजे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। जिस कारण जमीन अधिग्रहित न होने के कारण बाइपास निर्माण का कार्य भी अटका हुआ है। सोमवार को एसडीएम धीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम वहां पहुंची और जेसीबी से पेड़ व अन्य निर्माण हटवाया। इस दौरान भू-स्वामी व अन्य लोग वहां एकत्र हो गए और पेड़ हटवाने का विरोध किया। काफी देर तक कहासुनी भी हुई, लेकिन एसडीएम के आदेश पर पेड़ गिरवा दिए गए। एसडीएम के जाने के बाद लोग बुल्डोजर के आगे इकट्ठा हो गए और विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान चालक बुल्डोजर वहीं खड़ा करके चला गया।
एसडीएम धीरेंद्र सिंह ने बताया कि उक्त भू-स्वामियों को सरकार से निर्धारित मुआवजा राशि लेने के लिए दो बार नोटिस जारी किया जा चुका है, लेकिन ये लोग नहीं पहुंचे। भूमि अधिग्रहण न होने पर बाइपास का कार्य रुका हुआ है। जिला प्रशासन के सख्त आदेश पर पेड़ हटवाने की कार्रवाई की गई है।
वहीं भू-स्वामी संजीव जैन और मूला सिंह सैनी ने बताया कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन केवल 9्00 और 650 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा दे रहा है, जबकि आसपास के मौजा में 1500 से अधिक का मुआवजा दिया गया है।