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पीली बांध से छोड़ा छह हजार क्यूसेक पानी, बाढ़ का खतरा बढ़ा

रेहड़ (बिजनौर) : बारिश के चलते क्षेत्र से बह रही धारा, बनैली व पीली नदी का जलस्तर बढ़ गया

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Aug 2018 10:15 PM (IST)Updated: Sun, 05 Aug 2018 10:15 PM (IST)
पीली बांध से छोड़ा छह हजार क्यूसेक पानी, बाढ़ का खतरा बढ़ा

रेहड़ (बिजनौर) : बारिश के चलते क्षेत्र से बह रही धारा, बनैली व पीली नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इसके चलते ये नदियां उफान पर हैं, इसके चलते भूतपुरी क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पानी का बहाव देखते हुए इन गांवों के लोगों की ¨चता बढ़ने लगी है। इसके अलावा अफजलगढ़ क्षेत्र में बह रही नचना नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। इसके अलावा लगातार हो रही बारिश से जन-जीवन भी पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।

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बारिश होने से धारा, बनैली व पीली नदी का जलस्तर बढ़ गया है। ये तीनों नदी पीली बांध बैराज में आकर गिरती हैं तथा यहां से मात्र बनैली नदी जाती है। बारिश अधिक होने के चलते शनिवार की रात पीली बांध बैराज से छह हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया। साथ ही बैराज के सभी चारों गेट खोल दिए गए हैं। बैराज की क्षमता 842 फुट है जबकि इसमें 835 फुट पानी भर चुका है। इसके चलते 15 अगस्त तक इसमें कोई पानी नहीं भरा जाएगा। बैराज से पानी छोड़ने पर भूतपुरी, मानपुर, चतरपुर, मनोहरवाली आदि आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा गया है। इस संबंध में अवर अभियंता लोकेन्द्र ¨सह ने बताया कि अब पन्द्रह अगस्त तक बैराज में कोई पानी जमा नहीं किया जाएगा। जलस्तर बढ़ने के चलते छह हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है। इसके अलावा शेरकोट क्षेत्र में भी खो नदी का जलस्तर बढ़ गया। इसमें सोलह हजार पांच सौ साठ क्यूसेक पानी बह रहा है। हालांकि अभी बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है।

अफजलगढ़ : लगातार हो रही बारिश से हर जगह पानी ही पानी नजर आ रहा है। खेत जलमग्न होने से जहां गन्ने की फसल को नुकसान होने की आशंका के चलते किसान ¨चतित है। वहीं उनके सामने पशुओं के चारे का भी संकट पैदा हो गया है।

वहीं लगातार बारिश के चलते नगर के बीचोंबीच मौजूद नचना नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। इससे लोगों की ¨चता बढ़ रही है।

इसके अलावा बारिश से तमाम नदी नाले उफान पर हैं। इसके अलावा बनैली नदी पर रपटा न बनने के चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


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