धान के उचित दाम नहीं मिलने से किसान परेशान
पिछले दिनों हुई बारिश से किसानों की धान फसल बर्बाद हुई है। धान का दाना काला पड़ने से उसका मूल्य घटकर मिल रहा है। राइस मिल संचालक भी धान खरीदना नुकसान का सौदा साबित हो रहा है।
जेएनएन, बिजनौर। पिछले दिनों हुई बारिश से किसानों की धान फसल बर्बाद हुई है। धान का दाना काला पड़ने से उसका मूल्य घटकर मिल रहा है। राइस मिल संचालक भी धान खरीदना नुकसान का सौदा साबित हो रहा है।
पिछले दिनों हुई बारिश ने धान की फसल को बेहद नुकसान पहुंचाया है। बारिश व हवा से खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल गिर गई। धान का अधिकतर दाना काला पड़कर गल गया। बाजार में ऐसे धान की कीमत में भारी गिरावट आ गई। बारिश से पहले कटने वाला शरबती धान 1900 से 2000 रुपये प्रति कुंतल बिक रहा था। बारिश के बाद वही धान 1300 से 1400 रुपये प्रति कुंतल बिक रहा है। किसान अनूप कुमार, शरद कुमार, इकबाल आदि का कहना है कि इस बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। किसानों को प्रति बीघा 2000 से 3000 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
दूसरी ओर राइस मिल मालिक भी काफी परेशान दिखाई दे रहे है। उनका कहना है कि बारिश के बाद तैयार हुए धान में चावल की रिकवरी घट जाने से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे धान से जो चावल तैयार हो रहा है। उसमें काफी मात्रा में काला चावल निकल रहा है। जिसकी मार्केट में कीमत काफी कम है। इसलिए बारिश के बाद का धान खरीदना नुकसान का सौदा साबित हो रहा है। खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं किसान
जहां एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर किसान सेवा सहकारी समिति फीना में एक महीने से खाद उपलब्ध नहीं है। इससे किसानों को फसल बुवाई के लिए खाद के लिए प्राइवेट दुकानों के अलावा इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
किसान सेवा सहकारी समिति फीना में पिछले एक माह से खाद नहीं है। तिलहन की बुवाई के लिए किसान समिति में जाते हैं तो कर्मचारी किसानों को तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। किसान प्रदीप कुमार, शमशेर सिंह, देवेंद्र कुमार, हरपाल सिंह, महिपाल सिंह, पीतांबर सिंह, हरीश कुमार, राजकुमार, महेश आदि का कहना है किसान खाद के लिए समिति के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कर्मचारी उन्हें टाल देते हैं। इस संबंध में समिति के एमडी आनंद कुमार ने कहा कि इस संबंध में अधिकारियों से वार्ता कर खाद उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।