निजीकरण के विरोध में विद्युतकर्मियों का कार्य बहिष्कार, तालाबंदी
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में सोमवार को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के कर्मचारियों ने पूर्ण रूप से तालाबंदी कर कार्य का बहिष्कार किया।
बिजनौर, जेएनएन। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में सोमवार को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के कर्मचारियों ने पूर्ण रूप से तालाबंदी कर कार्य का बहिष्कार किया। इस दौरान कर्मचारियों ने डिवीजन कार्यालय में धरना भी दिया। वहीं धरनास्थल पर पहुंचे राज्य कर्मचारी महासंघ, अटेवा, भाकियू, राकिमसं के पदाधिकारियों ने आंदोलन का समर्थन करने का ऐलान किया। विद्युत कार्यालयों में तालाबंदी की वजह से उपभोक्ता अपना बिजली का बिल जमा करने के लिए भटकते रहे।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के कर्मचारियों ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण किए जाने के विरोध में पूर्ण तालाबंदी कर दी। विद्युत वितरण खंड बिजनौर कार्यालय में कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए। यहां हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि निजीकरण से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे। बिजली महंगी होगी और केवल निजी कंपनियों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण निरस्त होने तक आंदोलन जारी रहेगा। बैठक में पहुंचे भाकियू के दिगंबर सिंह, कुलदीप कुमार, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कैलाश लांबा, विनोद कुमार उर्फ बिट्टू, राज्य कर्मचारी महासंघ के राकेश शर्मा, अटेवा के चंद्रहास, कामरेड राजेंद्र राजपूत, समेत कई अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने विद्युत कर्मियों के आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया। बैठक में इंजीनियर सीपी सिंह, इंजीनियर मनोज शर्मा, अनिल पांडेय, राहुल गौतम, राजन सिंह, विकास कुमार, सोनल शर्मा, प्रवीण गुप्ता, उमेश अग्रवाल, संजीव राणा समेत विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भाग लिसा।
हल्दौर : विद्युत कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर सोमवार को एसडीओ कार्यालय पर पूर्ण तालाबंदी रही। वहीं बिजलीघर संविदा कर्मियों के हवाले रहा। तालाबंदी वजह से उपभोक्ता बिजलीघर पर अपने बिल जमा करने के लिए घूमते दिखाई दिए। उपभोक्ता घसीटा सिंह, इकबाल सिंह, संतोष मिश्रा, मनोज, रोहिताश, गुलशेर आदि का कहना है कि हड़ताल की वजह से वह नियत तिथि पर बिल जमा नही कर पाए। उधर, हड़ताल की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था भी लड़खड़ाती रही। बार-बार ट्रिपिग होने से उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं बिजलीघर पर संविदा कर्मियों ने कमान संभाल रखी थी। इनका कहना है:
विद्युत कर्मियों के बहिष्कार को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। कुशल और आईटीआई से पास हुए युवाओं को प्रशिक्षण देकर डयूटी पर लगा दिया गया है। अभी तक स्थिति सामान्य है।
रमाकांत पांडेय, डीएम।