दो गांवों में आई बाढ़, बचाव को दौड़े अफसर
हरेवली (बिजनौर) : बाढ़ से बचाव को दौड़े अफसर और ग्रामीणों ने बाढ़ संभावित गांव परमावाला व कंदला में म
हरेवली (बिजनौर) : बाढ़ से बचाव को दौड़े अफसर और ग्रामीणों ने बाढ़ संभावित गांव परमावाला व कंदला में मॉक ड्रिल की। किसी भी आपात स्थिति में बचाव के शुरुआती कदमों को किस तरह अंजाम दिया जाए इसका प्रशिक्षण ग्रामीणों ने लिया। अफसरों से प्रशिक्षण लेने के साथ ही ग्रामीणों ने अपने सुझाव भी दिए।
गुरुवार दोपहर पुलिस-प्रशासनिक अफसरों की टीम क्षेत्र के बाढ़ संभावित गांव परमावाला व कंदला में पहुंची। यहां अफसरों व ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से बाढ़ आने की आपात स्थिति में किस तरह बचाव की कवायद को अंजाम दिया जाए इसकी जुड़ी मॉक ड्रिल की। बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालने के साथ ही रोगियों को उपचार दिलाए जाने की पूरी रिहर्सल की गई। किस तरह रोगियों को बाढ़ से बचाव के लिए तत्काल अस्पताल तक लेकर पहुंचा जाए इसका प्रदर्शन भी किया गया। एडीएम अवधेश मिश्रा, एसडीएम आजाद भगत ¨सह, सीएमओ डा.राकेश मित्तल, पशु चिकित्साधिकारी डा.भूपेंद्र ¨सह आदि ने ग्रामीणों को बाढ़ से बचाव के प्रति जागरूक किया। ग्रामीण रामपाल ¨सह, होशराम ¨सह, जसवंत ¨सह, महीपाल ¨सह, हुकुम ¨सह राम ¨सह, मुखराम ¨सह, सुनीता देवी, बब्लू ¨सह, प्रेम ¨सह, फूल ¨सह, पूरन ¨सह, मुरारी ¨सह आदि ने भी अपने सुझाव प्रशासनिक अफसरों के सामने रखे।
इंसेट :
बिजली के तार से टकराई बस
मॉक ड्रिल के दौरान रोगियों को उपचार के लिए अस्पताल तक ले जाने के लिए लगी बस अचानक ही बिजली के तार से जा टकराई। गनीमत रही की जिस समय बस बिजली के तार से टकराई उस वक्त लाइन में करंट नहीं आ रहा था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। उधर, घटनाक्रम के बीच मौजूद अफसरों में भी हड़कंप मच गया।
ग्रामीणों ने जताया विरोध
बाढ़ से बचाव की जानकारी देने पहुंचे अफसरों के सामने ग्रामीणों ने विरोध भी जताया। बताया कि साल 2011 में क्षेत्र में भयावह बाढ़ आई थी। तत्कालीन एसडीएम रामसेवक द्विवेदी ने तब 1300 बीघा जमीन दोनों गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाने के लिए गांव हरेवली में आवंटित की थी। बताया कि कुछ ग्रामीणों के विरोध के चलते उन्हें अभी तक भी संबंधित जमीन पर कब्जा नहीं मिल सका।