लखनऊ मुख्यालय से रहेगा जेल में बंद माफिया पर पहरा
शासन ने जेलों को पारदर्शी और अपराधियों पर सख्त नजर रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
बिजनौर, जेएनएन। शासन ने जेलों को पारदर्शी और अपराधियों पर सख्त नजर रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है। जेल में बंद माफिया व बदमाशों की हर गतिविधि पर लखनऊ जेल मुख्यालय का पहरा रहेगा। जेल में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों को ऑनलाइन कर मुख्यालय से जोड़ दिया गया है। अफसर लखनऊ में बैठकर प्रदेश की जेलों पर नजर रख सकेंगे। जिला कारागार, बिजनौर में बड़ी स्क्रीन (बाउंड्री बॉल) बनने का काम शुरू हो गया है।
जेलों में अब बदमाशों का राज नहीं चल पाएगा। जेलों में सेटिग से मनमानी करने वाले शातिर बदमाशों पर नकेल कसी जा रही है। क्योंकि शासन के आदेश पर जेल प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिला जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। कैमरे बैरक, परिसर व जेल के गेट समेत महत्वपूर्ण स्थानों पर लगे हुए हैं। मुख्यालय प्रदेश की 70 जेलों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों को ऑनलाइन हेड क्वार्टर से जोड़ दिया है। इससे हर गतिविधि स्थानीय स्टाफ के साथ-साथ मुख्यालय में बैठे जेल के आला अफसर भी देख सकते हैं। एक बड़ी स्क्रीन पर जेल के सभी कैमरे चलते रहेंगे। पूरा डाटा रिकार्ड भी होता रहेगा।
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गुमराह नहीं करने पाएंगे अफसर
इस पहल में जेल में बंद बदमाशों के साथ-साथ जेल के अफसरों पर भी नजर रखी जाएगी। अफसर मुख्यालय को गुमराह नहीं कर पाएंगे। अक्सर मिलीभगत व दबंगई से शातिर अपराधी जेल में मनमानी करते हैं। मुख्यालय से कैमरे जुड़ने से कोई भी प्रकरण अफसरों व शासन से नहीं बच सकता है।
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काम में आई तेजी
जिला कारागार में तीस सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। एडीजी कारागार का आदेश आने के बाद तेजी से काम शुरू हो गया है। इस पहल के अंतर्गत बड़ी स्क्रीन (बाउंड्री बॉल) बनाई जा रही है। इसमें हर समय तीस कैमरे की फुटेज चलती रहेगी।
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जेल के सीसीटीवी कैमरों को आनॅलाइन हेड क्वार्टर से जोड़ दिया गया है। जेल में भी बाउंड्री बॉल बनाई जा रही है। सबकुछ कैमरों की नजर में रहेगा। हर समय उसकी निगरानी होती रहेगी। एडीजी जेल का आदेश मिल चुका है।
आकाश शर्मा, कार्यवाहक जेल अधीक्षक।