अनदेखी के चलते अधर में लटका शौचालयों का निर्माण
गांव-गांव सार्वजनिक शौचालयों बनने की योजना नूरपुर ब्लाक में धीमी चाल से चल रही है। खास बात यह है कि मार्च में बजट आने के बाद भी शौचालयों का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
जेएनएन, बिजनौर। गांव-गांव सार्वजनिक शौचालयों बनने की योजना नूरपुर ब्लाक में धीमी चाल से चल रही है। खास बात यह है कि मार्च में बजट आने के बाद भी शौचालयों का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो सका है। चारदीवारी और सीट रखने के अलावा कई ग्राम पंचायतों में कुछ नहीं हो सका है। जो अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। हालांकि, अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं।
नूरपुर ब्लाक क्षेत्र में 112 ग्राम पंचायतें हैं। मार्च माह में लाकडाउन के चलते गांव-गांव लौट रहे प्रवासी लोगों के लिए सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण का फरमान जारी हुआ। बाकायदा इसके लिए तत्काल ही बजट भी आया। उस दौरान 24 ग्राम पंचायतों में जगह न मिलने पर 88 स्थानों पर शौचालयों का निर्माण शुरू हुआ। प्रत्येक सार्वजनिक शौचालय के लिए 5.65 लाख रुपये प्रस्तावित थे। प्रत्येक शौचालय में तीन लैट्रीन सीट महिला, तीन सीट पुरुष और एक एक बाथरूम के अलावा एक सीट विकलांग के लिए निर्माण होना प्रस्तावित है, लेकिन चारदीवारी और कुछ जगह सीट लगवाकर खानापूर्ति कर ली गई। सात माह बीतने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा न होना कहीं न कहीं भ्रष्टाचार होने के संकेत दे रहा है। कहीं कहीं तो मानकों की अनदेखी के साथ कार्य पूरा किया गया। बताया जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा सामुदायिक शौचालयों का निर्माण दो अक्टूबर तक पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अभी तक छजुपुरा, पैजनिया सहित महज आधा दर्जन सामुदायिक शौचालयों का निर्माण पूरा हो पाया है। शेष शौचालयों का निर्माण अभी तक अधूरा पड़ा है।
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी दिनेश कुमार शर्मा का कहना है कि संबंधित ग्राम सचिवों को सामुदायिक शौचालयों का निर्माण शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने निर्माण में मानकों की अनदेखी की शिकायत मिलने पर ठोस कार्रवाई की बात कही है।