फिर शुरू हुआ अवैध खोखों का निर्माण, प्रशासन मौन
बिजनौर में जैतरा रेलवे फाटक के पास ध्वस्त किए गए अस्थाई दुकानों को फिर से लोगों ने निर्माण करना शुरु कर दिया है जबकि जांच के बाद ही किसी तरह के निर्माण की सहमति बनी थी।
धामपुर (बिजनौर) : जैतरा रेलवे फाटक के पास अवैध तरीके से ध्वस्त किए गए छह खोखे की भूमि पर मालिकाना हक को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए हैं। सीओ की मौजूदगी में हुई दोनों पक्षों की वार्ता में जांच पूरी होने के बाद ही दुकान/खोखे निर्माण की सहमति बनी थी। बावजूद इसके खोखा संचालकों ने विवादित भूमि पर पुन: खोखे निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। उधर दूसरे पक्ष ने पुलिस प्रशासन पर जबरन खोखे निर्माण कराने का आरोप लगाया है।
रेलवे फाटक जैतरा के पास जिनेन्द्र कुमार, अजय कुमार, ब्रजेश कुमार, नरेन्द्र अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, सलमान आदि पिछले 30 वर्षों से खोखे लगाकर कारोबार कर रहे हैं। इनका आरोप है कि मंगलवार को कुछ दबंगों ने इस भूमि पर अपना मालिकाना हक जाते हुए जेसीबी मशीन से खोखों को ध्वस्त करा दिया था, जिसमें रखा लगभग आठ लाख रुपये का सामान नष्ट हो गया था। इस मामले को लेकर दोनों पक्षों ने सीओ व कोतवाली प्रभारी निरीक्षक को कागजात सौंपते हुए इस भूमि पर अपना मालिकाना हक जताया था। बताया जाता है कि इस दौरान पुलिस प्रशासन ने जांच पूरी न होने तक दोनों पक्षों से इस भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य न करने को कहा था। बावजूद इसके खोखा स्वामियों ने एक बार फिर इस भूमि पर खोखा निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। जिससे दूसरे पक्ष डा. दिनेश कुमार आदि ने इस भूमि पुन: खोखा निर्माण कार्य होने के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह भूमि नगर पालिका अभिलेखों में उनके नाम दर्ज है और उन्होंने विनियमित क्षेत्र से इसका नक्शा भी पास करा रखा है। उन्होंने प्रशासन पर जानबूझकर उन्हें परेशान करने का भी आरोप लगाया। उधर सीओ महावीर ¨सह का कहना है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते खोखे हटाने के लिए विधिक प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी। क्योंकि खोखा स्वामी पिछले तीस वर्ष से इस भूमि पर कारोबार करते चले आ रहे हैं तो प्रथम²ष्टया नगरपालिका प्रशासन को इन लोगों के नाम ही भूमि अलॉट करनी चाहिए थी। उन्होंने कानूनी प्रक्रिया पूरी होने से खोखा स्वामियों से पुन: खोखा लगाने को कहा है। सीओ ने दोनों आरोपियों को शीघ्र गिफ्तार कराकर जेल भिजवाने की बात कही।
रात्रि में खोखे तोड़ना विधिक प्रक्रिया नहीं
पालिका के चेयरमैन राजू गुप्ता का कहना है कि भूमि अलॉटमेंट का मामला लगभग 13 वर्ष पुराना है। उन्होंने कहा कि डा. दिनेश को विधिक प्रक्रिया के जरिए भूमि खाली करानी चाहिए थी, लेकिन रात्रि के समय खोखों को ध्वस्त कर देना गलत है। उन्होंने दोनों पक्षों से आपसी समझौता कर विवाद खत्म करने को भी कहा है।