प्रवासी श्रमिकों से बनवाई चकरोड़ जुतवाई
बिजनौर जेएनएन। मनरेगा योजना के अंतर्गत प्रवासी श्रमिकों को लगाकर बनाई गई चकरोड़ ढाई महीने बाद ही जुतवा दी गई। जिससे दो किसानों के खेत पर पहुंचने का रास्ता बंद हो गया। पीड़ित किसानों का आरोप है कि रास्ता बंद कराकर जमीन भूमाफियाओं को बेचने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। वहीं चकरोड़ जुतवाए जाने से ग्राम प्रधान भी हैरत में हैं।
प्रवासी श्रमिकों से बनवाई चकरोड़ जुतवाई
बिजनौर, जेएनएन। मनरेगा योजना के अंतर्गत प्रवासी श्रमिकों को लगाकर बनाई गई चकरोड़ ढाई महीने बाद ही जुतवा दी गई। जिससे दो किसानों के खेत पर पहुंचने का रास्ता बंद हो गया। पीड़ित किसानों का आरोप है कि रास्ता बंद कराकर जमीन भूमाफियाओं को बेचने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। वहीं, चकरोड़ जुतवाए जाने से ग्राम प्रधान भी हैरत में हैं।
लॉकडाउन के दौरान घरों को लौटे प्रवासी कामगारों को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए मनरेगा योजना में काम दिलाया गया था। अकबरपुर आंवला में भी कई श्रमिकों से चकरोड़ बनवाई थी। लेखपाल सुरेशचंद द्वारा जमीन का चिन्हीकरण करने के बाद बनवाई गई चकरोड़ ढाई महीने बाद दोबारा पैमाइश कर स्वयं लेखपाल द्वारा ही जुतवा दी गई। जिससे दो किसान सुखवेंद्र सिंह, जोगेंद्र सिंह का खेत पर पहुंचने का रास्ता समाप्त हो गया है।
किसान सुखवेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजकर बताया कि खसरा नंबर 558 में उनकी जमीन है। खसरा नंबर 557 चकरोड़ का नंबर है। जिससे खेत पर आना जाना होता है। बुधवार को लेखपाल सुरेशचंद ने अन्य किसानों अनिल कुमार, पंकज कुमार, संदीप कुमार से हमसाज होकर चकरोड़ को जुतवा दिया। यह चकरोड़ अन्य किसानों ने अपनी जमीन में शामिल कर ली। पीड़ित ने लेखपाल द्वारा उसकी जमीन को जबरदस्ती भूमाफियाओं को बेचने का दबाव बनाने की बात कही है।
-लेखपाल ने ही किया था चिन्हीकरण
लेखपाल सुरेशचंद ने चिन्हीकरण कर चकरोड़ बनवाई थी। दो महीने बाद ही चकरोड़ ध्वस्त करा तो दी है, लेकिन लेखपाल ने कागजों में दर्ज चकरोड़ स्पष्ट नहीं की है। ऐसा नहीं किए जाने से किसानों का खेतों पर पहुंचने का रास्ता बंद हो गया है। यह न्यायोचित नहीं है।
-सुशील चौहान, ग्राम प्रधान अकबरपुर आंवला।
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इनका कहना है
चकरोड़ का काफी हिस्सा नदी में चला गया है। लेखपाल द्वारा 30 मीटर चकरोड़ निर्माण के लिए निशान लगाए गए थे। मनरेगा योजना से प्राइवेट जमीन में चकरोड़ बनवाकर उसकी लंबाई पूरी की गई है। शिकायत पर प्राइवेट जमीन में बनवाई गई चकरोड़ जुतवाई गई है।
-राधेश्याम शर्मा, तहसीलदार नजीबाबाद।