Move to Jagran APP

अभिभावकों की देखरेख में ही बच्चे छोड़ें पटाखे

डाक्टर की सलाह तेज आवाज के पटाखों से करें परहेज आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मों का करें प्रयोग। बच्चे केवल बड़ों के संरक्षण में ही पटाखें चलाएं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 07:16 PM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 07:16 PM (IST)
अभिभावकों की देखरेख में ही बच्चे छोड़ें पटाखे

असाइनमेंट की .. ..

loksabha election banner

डाक्टर की सलाह : तेज आवाज के पटाखों से करें परहेज

आंखों की सुरक्षा का रखें बहुत ख्याल

संवाद सहयोगी, धामपुर : दीपावली रोशनी व खुशियों का त्योहार है। इस त्योहार पर दीयों और झालरों की सजावट से हर घर जगमगा उठता है। मिठाई के साथ दीपावली पर बच्चों में सबसे अधिक उत्साह आतिशबाजी का होता है। लेकिन कई बार जरा सी लापरवाही बहुत भारी पड़ जाती है। पटाखे छोड़ने के दौरान कई बार बड़े हादसे हो जाते हैं। ऐसे में चिकित्सक भी इस बारे में विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि अभिभावकों की देखरेख में ही बच्चे पटाखे छोड़ें।

दीपावली त्योहार को लेकर एक सप्ताह पहले से इसकी तैयारी शुरू कर दी जाती है। लोग घरों की पूरी तरह से सजावट करते हैं, बिजली की झालरों आदि से घर जगमग हो उठते हैं। बच्चे इस त्योहार का विशेष इंतजार करते हैं, क्यों कि उन्हें आतिशबाजी से ही अपना त्योहार मनाना पसंद करते हैं। लेकिन कई बार इस त्योहार की खुशियां जरा सी लापरवाही से परेशानी में बदल जाती हैं। बच्चे पटाखे छोड़ते समय हादसों का शिकार हो जाते हैं। इस बारे में विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हुए सीएचसी प्रभारी डा. ओमप्रकाश यादव कहते हैं कि अभिभावकों की देखरेख में ही बच्चे पटाखे छोड़ें। इस दौरान अनार, चरखी व फुलझड़ियां जलाते समय आंखों का विशेष ध्यान रखें। पर्याप्त दूरी बनाकर ही पटाखे छोड़ें। सबसे अधिक सावधानी राकेट छोड़ते समय करें, सबसे अधिक हादसे इसी से होते हैं। डा. ओम प्रकाश यादव का कहना है कि सुरक्षा की ²ष्टि अपने आसपास रेत व पानी से भरी बाल्टी रखें।

इंसेट..

तेज पटाखों से कानों को हो सकता है नुकसान :

तेज आवाज के पटाखों से पूरी तरह से परहेज किया जाए। डा. ओमप्रकाश यादव का कहना है कि तेज आवाज के पटाखों से कान का परदा फटने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही तेज आवाज दिमाग पर भी प्रभाव डालती है। छोटे बच्चों व बुजुर्गों साथ ही हार्ट के पेशेंट को इससे सबसे अधिक खतरा रहता है। इस दौरान कपड़ों का भी विशेष ध्यान रखें, ढीले-ढाले कपड़े न पहनें, जिससे आग लगने का खतरा बना रहता है।

झुलसने पर बरती जाए पूरी सवधानी :

पटाखा छुड़ाते समय यदि बच्चे का हाथ आदि झ़ुलस जाए तो उसे तुरंत ठंडे पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही झुलसे स्थान पर दवाई लगाई जाए। डा. ओमप्रकाश यादव ने बताया कि यदि बुरी तरह से झ़ुलस जाए तो उसे तुरंत मेडिकल उपचार दिलाया जाए तथा दवाई भी चिकित्सकों की सलाह पर दी जाए।

प्रशासन ने की सख्ती :

हालांकि स्थानीय स्तर पर पटाखों पर रोक तो नहीं है, लेकिन इस बार पुलिस-प्रशासन ने रामलीला मैदान में लगने वाली आतिशबाजी की दुकानों में विशेष सावधानी बरती है। दुकानों के बीच पर्याप्त दूरी रखवाई गई है। साथ ही कोरोना संक्रमण के चलते सैनिटाइजर आदि भी रखवाया गया है। आग बुझाने के विशेष प्रबंध किए गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.