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मांगलिक कार्यों पर ब्रेक से टूटी कारोबारियों की कमर

कोरोना काल में कारोबार में कोई खास सुधार नजर नहीं आ रहा है। मौसम व जरूरत के हिसाब से सामानों की बिक्री नहीं होने से कारोबारी चितित हैं। मांगलिक कार्य पर रोक ने कारोबारियों की कमर तोड़कर रखी दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 10:44 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 06:07 AM (IST)
मांगलिक कार्यों पर ब्रेक से टूटी कारोबारियों की कमर
मांगलिक कार्यों पर ब्रेक से टूटी कारोबारियों की कमर

बिजनौर, जेएनएन। कोरोना काल में कारोबार में कोई खास सुधार नजर नहीं आ रहा है। मौसम व जरूरत के हिसाब से सामानों की बिक्री नहीं होने से कारोबारी चितित हैं। मांगलिक कार्य पर रोक ने कारोबारियों की कमर तोड़कर रखी दी है। हालांकि कोरोना वायरस के चलते दुपहिया वाहनों की बिक्री में सुधार आया है, लेकिन पिछले साल की तुलना में एक तिहाई कारोबार हुआ है। वहीं गर्मी के मौसम में एसी, कूलर और पंखों की बिक्री भी काफी कम रही है।

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कोरोना से जंग के बीच कारोबार को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने अनलॉक-2 की घोषणा के साथ करीब-करीब सभी कारोबार को खोलने की छूट दी है। एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी कारोबार में सुधार नजर नहीं आ रहा है। हालांकि बाजारों में ग्राहक पहुंच रहे है, लेकिन टर्म के हिसाब से प्रतिष्ठान खुलना कारोबार को प्रभावित कर रहा है।

एक जुलाई से चातुर्मास यानि देवशयनी लगने से मांगलिक कार्यों पर भी ब्रेक लग गया है। फर्नीचर, विद्युत उपकरण, बर्तन, आभूषण, कपड़ा आदि के बिक्री भी प्रभावित हुई है। कोरोना काल में नागरिक संक्रमण से बचने के लिए अपने निजी वाहन का सहारा ले रहे हैं। हाल ही में निजी वाहन विशेषकर दुपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आया है। ऑटो मोबाइल कारोबारी नरेंद्र सिंह वाधवा का कहना है कि कोरोना के चलते वाहनों की बिक्री में सुधार तो आया लेकिन कारोबार इतना नहीं हुआ जितना पिछले वर्षों में होता आया है। विवाह आदि आयोजन के चलते वाहनों की बिक्री हुई है।

इलेक्टॉनिक कारोबारी जोगेंद्र सिंह का कहना है कि कोरोना के प्रकोप से एसी उपकरण की तो बिक्री हुई ही नहीं। कूलर से ग्राहकों ने परहेज किया है। विद्युत पंखा और जरूरत के विद्युत उपकरण की बिक्री हुई है। मई, जून और जुलाई में विद्युत उपकरणों की बिक्री जबरदस्त होती थी, लेकिन इस बार कारोबार काफी प्रभावित हुआ है।

बर्तन कारोबार रोहित कुमार का कहना है कि शादी-विवाह आयोजन के चलते बर्तन की बिक्री हो रही थी। एक जुलाई के बाद कारोबार पर अचानक रोक लग गई है। इस साल कारोबार उठने का नाम नहीं ले रहा है। ग्राहक बाजार में आते है लेकिन बहुत जरूरत का सामान ही खरीद रहे हैं।

गांव राहतपुर निवासी मुकेश कुमार शर्मा का कहना है कि कोरोना काल में महंगाई बढ़ गई है। कुछ सामानों के दाम आसमान छूने लगे हैं। वहीं रोजगार नहीं मिलने से जरूरत का सामान भी नहीं खरीद पा रहे हैं।


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