चिकित्सक एवं मरीजों के बीच विश्वास में कमी
बिजनौर अलायंस आफ डाक्टर्स फोर एथिकल हेल्थ केयर के तत्वावधान में रविवार रात चक्कर रोड पर स्थित एक बैंक्वेट हाल के सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें निजी चिकित्सा में व्याप्त विसंगतियों पर विचार विमर्श किया गया।
बिजनौर: अलायंस आफ डाक्टर्स फोर एथिकल हेल्थ केयर के तत्वावधान में रविवार रात चक्कर रोड पर स्थित एक बैंक्वेट हाल के सभागार में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें निजी चिकित्सा में व्याप्त विसंगतियों पर विचार विमर्श किया गया।
रविवार रात आयोजित गोष्ठी का शुभारंभ उप जिलाधिकारी ब्रजेश कुमार सिंह एवं एसीएमओ डा. एसके निगम ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। गोष्ठी में मुख्य वक्ता पुणे से आई डा. इंदिरा चक्रवर्ती ने कहा कि वर्तमान में चिकित्सा पेशा पूर्णरूप से व्यवसाय बन कर रह गया है। न केवल भारतीय वरन अंर्तराष्ट्रीय कम्पनियां भी अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की होड़ में लग गई है। कारपोरेट अस्पतालों में चिकित्सकों पर अधिक से अधिक रेवेंयू कमाने के लिए दबाव बनाया जाता है। जिसका दुष्प्रभाव मरीज ही नहीं सक्षम चिकित्सकों पर भी पड़ रहा है। मुख्य वक्ता डा. अरुण गादरे ने कहा कि आने वाले समय में नर्सिंग होम एवं अस्पताल की जगह कारपोरेट अस्पताल ले लेंगे। सरकार को गरीब मरीजों के हित में तुरंत निर्णय लेना चाहिए। आवश्यकता यूके, थाईलैंड, ब्राजील आदि देशों द्वारा यूनीवर्सल हेल्थ केयर लागू करने की है। ताकि मरीज को इलाज की चिता न रहे अथवा सरकार उपचार का खर्च वहन करे। अब चिकित्सकों एवं मरीजों के बीच विश्वास में कमी आ गई है। चिकित्सा के व्यवसायिकरण से यह स्थिति और गंभीर हो गई है।एसडीएम ब्रिजेश कुमार सिंह ने कहा कि अपोलो, फोर्टिस मेदांता जैसे कारपोरेट अस्पतालों व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण समस्त चिकित्सकों की प्रतिष्ठा में गिरावट आई है। एसीएमओ डा. एसके निगम ने क्लीनिकल एस्टैबलिसमैंट एक्ट एवं नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन के संबंध में जानकारी दी। अंत में पैनल चर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें डा. पीयूष वर्मा, डा. बीरबल सिंह, डा. राहुल कुमार, डा. उपेंद्र राणा, डा. दिनेश डीमरी, डा. कमला अहमद, डा. एसएस मिश्रा, आदि ने भाग लिया। अतिथियों को प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। संचालन बाल रोग विशेषज्ञ डा. विपिन मोहन वशिष्ठ ने किया।