Move to Jagran APP

Bijnor News: अमृतपाल के बिजनौर में आने की आशंका, पुलिस का सख्त पहरा, बार्डर सील कर चेकिंग में जुटी टीमें

Bijnor News खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल पंजाब से भागने के बाद यूपी में आ सकता है। पांच दिन से दो बार बार्डर सील कर पुलिस चला चुकी है चेकिंग अभियान। नब्बे के दशक में खालिस्तान की मांग करने वाले आतंकी बना चुके हैं बिजनौर को ठिकाना।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Sat, 25 Mar 2023 12:34 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2023 12:34 PM (IST)
Bijnor News: अमृतपाल के बिजनौर में आने की आशंका, पुलिस का सख्त पहरा, बार्डर सील कर चेकिंग में जुटी टीमें
Bijnor News: डीआइजी के आदेश पर नजीबाबाद में नाकाबंदी करके वाहनों की चेकिंग करते सीओ और कोतवाल। फाइल फोटो

बिजनौर, जागरण टीम। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल पंजाब से भागकर उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में भी आ सकता है। इस आशंका के चलते जिले में भी चौकसी की जा रही है। उसे जिले में घुसने से रोकने के लिए बार्डर पर निगरानी की जा रही है। पांच दिन में दो बार बार्डर सील कर व्यापक स्तर पर चेकिंग अभियान चलाया जा चुका है। खुफिया एजेंसी सक्रिय है। खादर और वन क्षेत्र में विशेष निगाह बनाए हुए हैं। इसका कारण भी है।

loksabha election banner

बिजनौर में बनाया था खालिस्तानी समर्थकों ने ठिकाना

नब्बे के दशक में भी खालिस्तानी समर्थकों ने भी बिजनौर को ठिकाना बनाया था। खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल की तलाश में पंजाब समेत कई राज्यों की पुलिस जुटी है। उसको लेकर बिजनौर में भी अलर्ट है। एडीजी और डीआइजी के आदेश पर दो बार संघन चेकिंग अभियान चलाया जा चुका है। अमृतपाल को लेकर पुलिस खादर और वन क्षेत्र में विशेष नजर रख रही है। पिछले दिनों 59 स्थानों पर नाकेबंदी कर चेकिंग अभियान चलाया गया था। उत्तराखंड से सटे क्षेत्र में विशेष चौकसी है। पुलिस के साथ-साथ एलआइयू, आइबी समेत अन्य जांच एजेंसी भी सक्रिय है। एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि पुलिस हर समय सतर्क है। त्योहार का मौका है। इसलिए अधिक चौकसी बरती जा रही है।

बिजनौर रहा है आतंकियों का ठिकाना

बिजनौर जिला खालिस्तान की मांग करने वाले आतंकियों का ठिकाना रहा है। नब्बे के दशक में कई आतंकियों ने बिजनौर में खादर, अमानगढ़, नगीना देहात, रेहड़, बढ़ापुर क्षेत्र में शरण ली थी। इस दौरान पुलिस से कई बार उनकी मुठभेड़ हुई। रेहड़ क्षेत्र में हत्याएं भी हुई थी।

तत्कालीन डीआइजी विक्रम सिंह ने यहां पर कैंप किया था। वन क्षेत्र में बने डेरों पर ठिकाना बनाया था। शहर कोतवाली क्षेत्र के बैराज गंगा पर खालिस्तानी आतंकियों ने एक व्यक्ति को गोली मार दी थी। शाम ढहलते ही पुलिस की गश्त बंद हो जाती थी।

थानों पर आधुनिक असलहों के साथ पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। पुलिस की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई थी। पुलिस को आर्मी तरीके से प्रशिक्षित गया था। नगीना देहात में आतंकियों को शरण देने के मामले में हिस्ट्रीशीट खोली गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.