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Bijnor News: निजी अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत, गुस्साए परिजनों ने जाम किया हाईवे, जमकर किया हंगामा

पुलिस क्षेत्राधिकारी सुमित शुक्ला व थाना प्रभारी निरीक्षक प्रिंस शर्मा भारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे। सीओ सुमित शुक्ला ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने एवं सीएमओ की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद ही आरोपित चिकित्सक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

By Nanadkishor Nanad Edited By: Shivam YadavPublished: Sun, 18 Sep 2022 11:22 PM (IST)Updated: Mon, 19 Sep 2022 04:02 AM (IST)
नोकझोंक और खींचतान के बीच पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बिजनौर भिजवाया।

बिजनौर, जागरण संवाददाता। नगीना के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई। परिजनों ने आपरेशन में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया। स्वजन ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए महिला के शव को हाईवे पर रखकर जाम लगाया। जमकर नोकझोंक और खींचतान के बीच पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बिजनौर भिजवाया। 

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अफजलगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम भागीजोत निवासी सतीश कुमार ने पुलिस को दी तहरीर में कहा कि उसकी पत्नी मिथलेश देवी के पेट में दर्द हो रहा था। शनिवार को वह पत्नी को नगीना के मुदित हास्पिटल में ले गया, जहां पर डाक्टर एसके सिंह ने बच्चेदानी में गांठ की जानकारी दी और आपरेशन के लिए भर्ती कर लिया। 

लापरवाह बरतने का आरोप

आरोप है कि रात में ही उसका आपरेशन कर दिया। लापरवाही के कारण मिथिलेश की मौत हो गई। इसकी सूचना रविवार को अस्पताल स्टाफ से मिली। महिला की मौत से नाराज परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा तथा उसके बाद नगीना-धामपुर हाईवे पर जाम लगा दिया। पुलिस ने मुश्किल से जाम खुलवाया। परिजनों से तहरीर ली और महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए बिजनौर भेजा। 

पुलिस परिजनों के बीच नोक-झोंक

इस दौरान भी पुलिस व परिजनों के बीच काफी देर तक नोक-झोंक हुई। इस दौरान पुलिस क्षेत्राधिकारी सुमित शुक्ला व थाना प्रभारी निरीक्षक प्रिंस शर्मा भारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे। सीओ सुमित शुक्ला ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने एवं सीएमओ की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद ही आरोपित चिकित्सक के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

संचालक ने कहा- पानी पिलाने से बिगड़ी हालत 

उधर, अस्पताल के संचालक आरएस यादव ने कहा कि चिकित्सकों द्वारा बच्चेदानी की गांठ का सफल आपरेशन किया गया था। परिजनों से कहा गया था कि आपरेशन के बाद कुछ समय तक मरीज को पानी नहीं पिलाना है। लेकिन उन्होंने महिला को पानी पिला दिया, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। उसे बिजनौर भेजा गया था, जहां उसकी मौत हो गई। न तो मौत अस्पताल में हुई और न ही यहां के चिकित्सकों एवं स्टाफ ने कोई लापरवाही की है। सभी आरोप निराधार हैं।


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