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Bijnor News: सपा विधायक स्वामी ओमवेश कोर्ट से बरी, दूसरे की संपत्ति पर अवैध रूप से निर्माण करने का था आरोप

MLA Swami Omvesh दूसरे की संपत्ति पर अवैध तौर पर निर्माण का प्रयास करने तथा विरोध करने पर गाली-गलौच करने के मामले में बिजनौर में कोट्र ने चांदपुर विधानसभा से सपा विधायक स्वामी ओमवेश को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।

By Jagran NewsEdited By: PREM DUTT BHATTPublished: Fri, 25 Nov 2022 07:14 PM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2022 07:14 PM (IST)
Bijnor News: सपा विधायक स्वामी ओमवेश कोर्ट से बरी, दूसरे की संपत्ति पर अवैध रूप से निर्माण करने का था आरोप
Swami Omvesh News समाजवादी पार्टी के विधायक स्‍वामी ओमवेश को कोर्ट ने बरी कर दिया है।

बिजनौर, जागरण संवाददाता। Bijnor News बिजनौर में एसीजेएम प्रथम और एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अभिनय यादव ने दूसरे की संपत्ति पर अवैध तौर पर निर्माण का प्रयास करने तथा विरोध करने पर गाली-गलौच करने के मामले में तत्कालीन गन्ना राज्य मंत्री और चांदपुर विधानसभा से सपा विधायक स्वामी ओमवेश को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया है।

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यह है मामला

बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रवीण सिंह देशवाल के अनुसार वादी राजेंद्र सिंह ने थाना कोतवाली शहर थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में लिखा था कि उसने एक आराजी वर्ष 2002 में खरीदी थी जिस पर वह काबिज था। आरोप लगाया कि तत्कालीन गन्ना राज्य मंत्री और वर्तमान सपा विधायक स्वामी ओमवेश ने स्वयं मौके पर जाकर 16 जून 2005 को उक्त जमीन पर आरोपित देशपाल, आदित्य विरेंद्र, विरेंद्र गौतम, राहुल, रामकुमार सहित अन्य दस लोगों के साथ चिनाई करनी शुरु कर दी।

फायर किया था

आरोप है कि वादी राजेंद्र सिंह उक्त मामले में स्टे की प्रति लेकर मौके पर गया तो उक्त आरोपितों ने उसके साथ गाली-गलौच तथा जान से मारने की नियत से आरोपित आदित्य ने फायर किया जिसमें वह बाल-बाल बच गया। आरोप है कि उसने तत्कालीन थाना प्रभारी बलराम जाखड़ से उक्त घटना की जानकारी दी तो उन्होंने उक्त मामले को स्वामी ओमवेश का बता कर उसे ही धमका दिया।

2007 में कोर्ट में भेजा था आरोप पत्र

उक्त मामले में आरोप पत्र स्वामी ओमवेश, देशपाल, आदित्य, विरेंद्र, राहुल और रामकुमार के खिलाफ वर्ष 2007 में कोर्ट में भेजा गया। बाद में स्वामी ओमवेश की पत्रावली शीघ्र निस्तारण करने के लिए अन्य आरोपितों से अलग की गई। इस मामले में सरकारी पक्ष घटना को सही साबित करने में नाकाम रहा। एसीजेएम प्रथम और एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अभिनय यादव ने चांदपुर विधानसभा से सभा विधायक स्वामी ओमवेश को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया है।

किशोरी से दुष्कर्म में दस वर्ष का कारावास

बिजनौर : पोक्सो एक्ट के विशेष सत्र न्यायाधीश पारुल जैन ने किशोरी को बहलाफुसला कर ले जाने तथा उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपित अंशुल का दोषी माना है। न्यायाधीश ने आरोपित अंशुल को दस वर्ष का कारावास और 21 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।विशेष लोक अभियोजन अधिकारी भालेंद्र राठौर के अनुसार नजीबाबाद थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में लिखा था कि उसकी नाबालिग पुत्री के साथ आरोपित अंशुल स्कूल आते-जाते समय अश्लील हरकते कर छेड़छाड़ करता था।

अपने साथ नैनीताल ले गया था

वादी ने इसकी शिकायत आरोपित के घर जाकर की और उसे ऐसा न करने के लिए समझाया। 14 फरवरी 2020 को आरोपित अंशुल ने किशोरी को माफी मांगने के बहाने एक स्थान पर बुलाया और न आने पर जान से मारने की धमकी दी। आरोप है कि किशोरी डर के कारण वहां गई, जहां से आरोपित अंशुल किशोरी को बहलाफुसला कर अपने साथ नैनीताल ले गया। नैनीताल में किशोरी को तीन दिन तक बंधक बना कर रखा और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। किशोरी ने किसी प्रकार वहां से घर आकर उक्त घटना की जानकारी परिजनों को दी।

21 हजार का जुर्माना भी

आरोपित के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस मामले में न्यायाधीश पारुल जैन ने आरोपित अंशुल को दोषी पाते हुए दस वर्ष का कारावास और 21 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने जुर्माने की राशि में से 50 प्रतिशत राशि पीड़िता को बतौर प्रतिकर के तौर पर देने के आदेश दिए है। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिए की वह निर्दिष्ट योजना के तहत पीड़िता को 50 हजार रुपये प्रतिकर के तौर पर दे। 


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