लखीमपुर खीरी में जल रही बिजनौर के इल्म की 'लौ'
शिवानंद राय, बिजनौर: जिले के अमाननगर में स्थापित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति ि
शिवानंद राय, बिजनौर:
जिले के अमाननगर में स्थापित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में लखीमपुर खीरीजनपद के करीब सवा सौ अनुसूचित जनजाति के बच्चों का भविष्य संवर रहा है। हालांकि इस स्कूल में जिले के बोक्सा जनजाति के तीन गांवों का कोई भी बच्चा नहीं पढ़ रहा है।
जिले के गांव गांव गुनियापुर-अमाननगर में अनुसूचित जाति जनजाति (बोक्सा जाति) के बच्चों के लिए करीब एक दशक पहले राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय की स्थापना की गई थी।भाजपा सरकार ने स्कूल का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति नाम रखा है। आवासीय स्कूल का मकसद जिले में बोक्सा जाति के ढकिया बावन सराय, चौहड़खाता सहित तीन गांवों के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना था। लेकिन बोक्सा जाति के बच्चों का रुझान स्कूल के प्रति नहीं दिखा। इसके बाद शासन ने लखीमपुर खीरी के बोक्सा जाति के बच्चों का यहां दाखिला दिलाया है।
वर्तमान में लखीमपुर खीरी के 120 विद्यार्थी विद्यालय परिसर में बने छात्रावास में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इंटरमीडिएट तक के इस विद्यालय में फिलहाल कक्षा 8 तक बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। समाज कल्याण विभाग से संचालित इस स्कूल में बच्चों को मुफ्त सुविधा मिलती है।
दशहरा पर गए दीपावली पर लौटेंगे छात्र, लटका ताला
स्कूल में पढ़ाई करने वाले सभी छात्र दशहरा के अवकाश पर अपने घर चले गए। अभी तक वह नहीं लौटे हैं। बताते हैं कि सभी बच्चे दीपावली की छुट्टी के बाद ही वापस लौटेंगे। मंगलवार को विद्यालय में अवकाश तो नहीं था, लेकिन सन्नाटा पसरा था। विद्यालय में न कोई स्टाफ था और न ही बच्चे। इसलिए स्कूल में ताला लटक गया है।
विद्यालय के कार्यवाहक प्रशासक/अधीक्षक व आदिम जनजाति विभाग के सतीश शर्मा का कहना है कि जिले के बोक्सा जाति के बच्चों को कई बार स्कूल में दाखिला दिलाया गया, लेकिन वह रुकते नहीं है। इसलिए लखीमपुर खीरी के बच्चों को यहां शिक्षा दी जा रही है।