बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का दिया संदेश
जेएनएन बिजनौर राजा ज्वाला प्रसाद आर्य इंटर कालेज बिजनौर की राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इक
जेएनएन, बिजनौर : राजा ज्वाला प्रसाद आर्य इंटर कालेज बिजनौर की राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाई ने ग्राम तरीकमपुर रूपचंद्र के प्राथमिक विद्यालय में सात दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिवस को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के रूप में मनाया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला क्रीड़ा अधिकारी जयवीर सिंह ने बताया कि बेटी परिवार का सम्मान बढ़ाती है। कार्यक्रम अधिकारी बालेस कुमार ने अपने विचारों से स्वयं सेवकों को बेटियों के प्रति जागरूक करते हुए बताया अब तो अध्यापक से लेकर बेटियां डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस अधिकारी आदि के पदों को सुशोभित कर रही है। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक गगन, मनीष, नितीश कुमार, प्रतीक, आशुतोष ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर कविता, नाटक एवं भाषण के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किए। डीओसी स्काउट चंद्रहास सिंह ने कहा कि आज बेटियां बेटों से किसी क्षेत्र में कम नहीं है। इस अवसर पर ग्राम तरीकमपुर के जूनियर हाईस्कूल की प्रधानाध्यापिका नसीम परवीन, मनोज कुमार यादव, भूपेंद्र सिंह, सुनील बाबू , तेजपाल सिंह तथा ग्रामवासियों में विजेंद्र सिंह, जसवंत सिंह तथा सीताराम आदि उपस्थित रहे।
किरतपुर में शुरू हुआ टीकाकरण
जेएनएन, बिजनौर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डा. वतन सिंह और डा. ईश्वरानंद को कोरोना संक्रमण से बचाव की वैक्सीन का टीका लगाकर टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई। इस अवसर पर एसीएमओ डा. बीएस रावत ने कहा कि पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाएगा।
शुक्रवार सुबह 10 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किरतपुर में कोरोना वैक्सीन टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया गया। सबसे पहले डा. वतन सिंह को तथा दूसरा टीका प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. ईश्वरानंद को लगाया गया। टीकाकरण के समय स्वास्थ्य केंद्र पर काफी पुलिस बल तैनात रहा। जिस कमरे में टीकाकरण किया जा रहा था, वहां पर किसी अन्य कर्मचारी को नहीं जाने दिया गया। डा. ईश्वरानंद ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को टीका लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को 200 कर्मचारियों को टीका लगाने का लक्ष्य है। कोरोना वैक्सीन का टीका लगने के बाद एक लैब टेक्नीशियन और एक आशा को हल्के चक्कर आए, लेकिन थोड़ी ही देर में दोनों सामान्य हो गए।