नुमाइश के गेट पर पुलिस ने कराई बेरीकेटिग, फोर्स हटाई
नुमाइश के गेट पर रविवार शाम बेरीकेटिग लगाकर फोर्स को हटा दिया है। बेरिकेटिग पर तैनात पुलिस ने चेयरपर्सन पति की गाड़ी भी रोक दी । डीएम की अनुमति मिलने पर एक अगस्त को नुमाइश शुरू हुई है।
बिजनौर, जेएनएन। नुमाइश के गेट पर रविवार शाम बेरीकेटिग लगाकर फोर्स को हटा दिया है। बेरिकेटिग पर तैनात पुलिस ने चेयरपर्सन पति की गाड़ी भी रोक दी । डीएम की अनुमति मिलने पर एक अगस्त को नुमाइश शुरू हुई है। फोर्स व दमकल विभाग का खर्च जमा नहीं करने यह कार्रवाई की गई है। पहली बार इस तरह का पैसा मांगे जाने पर बिजनौर की सियासत गरमा गई है।
पालिका प्रशासन की ओर से हर साल नुमाइश ग्राउंड में मेला लगता है। पालिका की ओर से इसका ठेका नुमाइश का डेढ़ करोड़ में छोड़ा गया था। छह लाख स्टांप व 28 लाख की जीएसटी जमा करा दी गई थी। डीएम से प्रशासनिक अनुमति मिलने के बाद एक अगस्त को सदर विधायक सुचि चौधरी ने नुमाइश का उद्दघाटन किया था। रविवार को नुमाइश मेले में नाटकीय घटनाक्रम सामने आया। शहर कोतवाल ने मेले में पहुंचकर मुख्य गेट पर बेरिकेटिग लगा दी। चेयरपर्सन पति शमशाद अंसारी की गाड़ी भी गेट पर रोक दी गई। इतना ही नहीं नुमाइश से पुलिस व दमकल स्टाफ को भी हटा लिया गया। सुरक्षा के लिए बनाए गए अस्थाई थाने से पुलिस व पीएसी वापस बुला ली गई। अचानक नुमाइश पर हुई बेरिकेटिग से बिजनौर का माहौल गरमा गया। वाहनों को नुमाइश के अंदर जाने से रोक दिया गया, हालांकि लोग मेले में जा रहे हैं। दमकल विभाग एवं पुलिस की ओर से एक अगस्त को पुलिस को नोटिस दिया गया। नोटिस में कहा गया कि दमकल विभाग स्टाफ का खर्च करीब नौ लाख 45 हजार रुपये जमा करना होगा। वहीं दमकल व पुलिसकर्मियों की ड्यूटी का खर्च भी ट्रेचरी में जमा करना होगा। पुलिस ने उक्त धनराशि के लिए तीन दिन का समय दिया था। शुल्क जमा नहीं होने पर पुलिस ने रविवार को बेरिकेटिग करा दी। इन्होंने कहा
पहली बार पुलिस नुमाइश में पुलिस डयूटी का खर्च जमा करा रही है। छह दशक से नुमाइश मेले पुलिस ड्यूटी की शुल्क जमा नहीं हो रहा था। इस तरह का नोटिस भी पहली बार मिला है। डीएम की ओर से मिली अनुमति में सुरक्षा व्यवस्था कराने के आदेशित किया गया है। दमकल विभाग और पुलिस कर्मियों की ड्यूटी पर खर्च के बारे में पहले कोई जानकारी नहीं दी गई। जनपद में लगने वाले अन्य मेले पर पुलिस डयूटी खर्च नहीं लिया जाता है। अब मेला शुरू होने के बाद पुलिस की ओर से जानबूझ कर खर्च मांगा जा रहा है।
शमशाद अंसारी, चेयरपर्सन पति अनुमति दे दी गई थी। उन्होंने कोई रोक नहीं लगाई है।
रमाकांत पांडेय, जिलाधिकारी पुलिस और पालिका की लापरवाही की वजह से जनता के मनोरंजन में बाधा आई है। पुलिस को एनओसी देने से पूर्व शुल्क जमा कराना चाहिए था। शुल्क जमा कराने की जिम्मेदारी पालिका प्रशासन की है। इससे पूर्व पुलिस की ओर से शुल्क जमा क्यों नहीं कराया गया? इसकी जांच होनी चाहिए। प्रदेश सरकार नियमानुसार कार्य कराने में तत्पर है।''
सुचि चौधरी, सदर विधायक पुलिस को इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। दमकल विभाग की ओर से नोटिस देने के बाद भी शुल्क जमा नहीं किया गया है। झूले का फिटनेस भी नहीं है और नुमाइश मैदान से गुजर रहे बिजली के तारों का परीक्षण नहीं किया गया, इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से बेरिकेटिग की गई है। शुल्क जमा होने पर ही फोर्स दी जाएगी। मेला जारी रहता है, और कोई घटना होती है,तो इसकी जिम्मेदारी चेयरपर्सन की होगी।
लक्ष्मी निवास मिश्र, एसपी सिटी