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बछेंद्रीपाल ने 'बिग बॉस का घर' में बिताई रात

बिजनौर में गंगा की धाराओं में भटकीं बछेंद्रीपाल और उनकी टीम को लेकर जब पूरा जिला परेशान था, तब वे सभी लोग गंगा के बीच बने टापू पर रोमांच का आनंद उठा रहे थे। अधिक दलदल और अंधेरा हो जाने के कारण उन्होंने आगे बढ़ने से इन्कार कर दिया। आग जलाकर वहां बनी दो झोंपड़ियों में रात गुजारी। टीम ने इन झोंपड़ियों को 'बिग बॉस का घर' नाम दिया। सुबह छह बजे टीम बैराज पहुंच गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 09:55 PM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 09:55 PM (IST)
बछेंद्रीपाल ने 'बिग बॉस का घर' में बिताई रात
बछेंद्रीपाल ने 'बिग बॉस का घर' में बिताई रात

बिजनौर : गंगा की धाराओं में भटकीं बछेंद्रीपाल और उनकी टीम को लेकर जब पूरा जिला परेशान था, तब वे सभी लोग गंगा के बीच बने टापू पर रोमांच का आनंद उठा रहे थे। अधिक दलदल और अंधेरा हो जाने के कारण उन्होंने आगे बढ़ने से इन्कार कर दिया। आग जलाकर वहां बनी दो झोंपड़ियों में रात गुजारी। टीम ने इन झोंपड़ियों को 'बिग बॉस का घर' नाम दिया। सुबह छह बजे टीम बैराज पहुंच गई। हालांकि पूरी टीम को रात भूखे ही गुजारनी पड़ी।

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नमामि गंगे और टाटा स्टील के संयुक्त अभियान में गंगा स्वच्छता की अलख जगाने 40 सदस्यों के साथ निकली बछेंद्री पाल ने मंगलवार को डाक बंगले में पत्रकार वार्ता की। यहां उन्होंने बीती रात के अनुभव साझा किए। यह उनके लिए अच्छा अनुभव रहा। ऐसे समय में निर्णय लेने की क्षमता का पता लगता है। वह लीडर हैं। उन्होंने टीम को विपरीत परिस्थितियों में सही निर्णय लेना सिखाया। एक समय भले ही भोजन नहीं मिला लेकिन अनुभव और रोमांच खूब रहा। प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए नाव भिजवा दी थी लेकिन उन्होंने रात में आने से इन्कार कर दिया था। पत्रकार वार्ता के दौरान नमामि गंगे के संदीप बेहरा, डीपीआरओ मनीष कुमार, सौरभ सिंघल आदि मौजूद रहे। युवाओं से बड़ी उम्मीद

बछेंद्री पाल ने कहा कि गंगा को निर्मल बनाने में आम लोगों की बेहद सक्रिय भूमिका है। युवा देश के भविष्य हैं। यदि युवा यह ठान लें कि गंगा को पावन और निर्मल बनाना है तो फिर इस अभियान को जनांदोलन बनने में देर नहीं लगेगी। वह इसी अभियान पर निकली हैं। स्कूली बच्चों पर उनका विशेष फोकस है। उद्योगों के केमिकल और बड़ी समस्याओं को लेकर तो सरकार काम कर ही रही है, लेकिन आम लोगों को भी इसमें सक्रिय योगदान देना होगा।

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राफ्ट हो गई थी खराब

दल के पास पांच राफ्ट थीं। एक राफ्ट पीछे चल रही थी। वह खराब हो गई तो आगे से एक राफ्ट को खाली कर पीछे भेजा। वह धीरे-धीरे चलते रहे। पीछे से राफ्ट आने में देरी हो गई। रावली के नजदीक गंगा धाराओं में बंटी है। वह मुजफ्फरनगर की ओर धारा में भटक गए। तब तक रात हो गई थी। इसलिए उन्होंने वहीं ठहरने का निर्णय लिया।

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दल में शामिल हैं सात एवरेस्ट विजेता

बछेंद्री पाल के साथ अभियान पर निकले दल में सात दूसरे एवरेस्ट विजेता भी हैं। इनमें प्रेमलता अग्रवाल, गुजरात की चेतना साहू, आइआइटी मुंबई से हेमंत गुप्ता, राजेंद्र पाल, पूनम राणा, स्वर्णलता दलाई, विनिता सोरेन शामिल हैं। दल में आइआइटी पास आउट, पर्यावरण, भू-विशेषज्ञ एवं जियोलॉजी विशेषज्ञ शामिल हैं।


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