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शर्तों के मुताबिक जलाभिषेक करेंगे शिवभक्त

कोरोना के चलते कांवड़ यात्रा पर रोक है। इस कारण श्रावण मास में शिवभक्तों के जत्थे एनएच-74 पर दिखाई नहीं देंगे। वहीं इस मार्ग पर दशकों से शिविर लगा रहे समाजसेवी भी इन शिवभक्तों की सेवा से वंचित रहेंगे लेकिन शिवभक्त विषम परिस्थितियों में सरकार के इस फैसले के पक्ष में है। शिवभक्तों की मानें तो वह कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों के पालन करते हुए भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 05:13 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 05:13 PM (IST)
शर्तों के मुताबिक जलाभिषेक करेंगे शिवभक्त
शर्तों के मुताबिक जलाभिषेक करेंगे शिवभक्त

बिजनौर जेएनएन। कोरोना के चलते कांवड़ यात्रा पर रोक है। इस कारण श्रावण मास में शिवभक्तों के जत्थे एनएच-74 पर दिखाई नहीं देंगे। वहीं इस मार्ग पर दशकों से शिविर लगा रहे समाजसेवी भी इन शिवभक्तों की सेवा से वंचित रहेंगे, लेकिन शिवभक्त विषम परिस्थितियों में सरकार के इस फैसले के पक्ष में है। शिवभक्तों की मानें तो वह कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों के पालन करते हुए भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे।

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श्रावण मास की महाशिवरात्रि के दौरान मुरादाबाद, रामपुर, काशीपुर, शाहजहांपुर, बरेली समेत कई अन्य जनपदों के हजारों शिवभक्त नैनीताल-देहरादून हाइवे पर स्थित हरिद्वार से जल लेकर जत्थों के रूप में मंडावली, नजीबाबाद, नगीना, धामपुर समेत जनपद के विभिन्न स्थानों से गुजरते हैं। इन शिवभक्तों का पहला पड़ाव प्राचीन सिद्धपीठ मोटा महादेव (नजीबाबाद) रहता है। इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने श्रावण मास में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी, कितु शिवभक्त अपने-अपने क्षेत्रों में स्थित शिवमंदिरों में पांच-पांच की संख्या में मुंह पर मास्क, शारीरिक दूरी का पालन करते हुए जलाभिषेक कर सकेंगे, लेकिन यह मंदिरों के पुजारियों के विवेक पर होगा कि वह जलाभिषेक की क्या व्यवस्था करेंगे? वह कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के नियमों के पालन करते हुए भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे।

नगीना निवासी शिवभक्त डॉ. राहुल त्यागी का कहना है कि श्रावण माह में हरिद्वार से गंगा जल लाने की परंपरा है। कोरोना काल में इसका निर्वाहन न कर पाने का अफसोस रहेगा, लेकिन वह इस बार गाइडलाइन का पालन करते हुए घर बाबा भोले शंकर की पूजा-अर्चना करेंगे।

शिवभक्त अभिषेक भटनागर का कहना है कि कोरोना की वजह से इस साल श्रावण मास में कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंधित का वह और उनके साथी स्वागत करते हैं। वहीं लोग अपने-अपने घरों में ही भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करेंगे।

शिवभक्त मुकेश कुमार चौहान का कहना है कि वह प्रतिवर्ष कांवड़ यात्रा में शामिल होते थे, लेकिन इस बार सरकार के निर्णय का पालन करते हए घर में भगवान शिव की पूजा करेंगे।

शिवभक्त सचिन कुमार रूहेला का कहना है कि वह प्रत्येक साल श्रावण मास में हरिद्वार से जल लाकर बड़ा मंदिर पर जल चढ़ाते रहे हैं, लेकिन इस बार सरकार नियमों का पालन करते हुए भोलेनाथ की घर में पूजा करेंगे।


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