घर बैठे ट्रेन में सफर कर रहे थे सांसद!
ब्रजवीर चौधरी, बिजनौर
इस यात्रा का वृत्तांत जरा पेचीदा है। गौतमबुद्धनगर के सांसद सुरेंद्र नागर सोमवार रात सपत्नीक बिजनौर से लखनऊ के 'सफर' पर थे, ऐसा रेलवे कह रहा है, लेकिन जब मंगलवार को माननीय से इस सफर के बारे में पूछा गए तो वे चौंक गए। उन्होंने कहा कि सोमवार को तो वे नोएडा स्थित अपने घर पर थे। उनके लखनऊ जाने का सवाल ही नहीं है और हाल-फिलहाल में पत्नी के साथ वे बिजनौर गए ही नहीं।
जब सांसद घर पर थे तो उनके नाम पर फर्जी आरक्षण करा कौन बिजनौर से लखनऊ तक के सफर को 'हसीन' बना रहा था। रिजर्वेशन कराने से लेकर कोच तक में पहचान पत्र जांचने की रेलवे की सारी व्यवस्थाएं क्या बस घोषणाओं की शोभा बढ़ाने के लिए हैं? सांसद दोषियों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं और रेल प्रशासन को जवाब नहीं सूझ रहा है।
बुलंदशहर जिले के गुलावठी निवासी सुरेन्द्र सिंह नागर गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) से बहुजन समाज पार्टी के सांसद है। बिजनौर रेलवे स्टेशन के रिकार्ड के अनुसार उन्होंने सोमवार रात्रि चंडीगढ़-लखनऊ एक्सप्रेस के एसी कोच में बिजनौर से लखनऊ की यात्रा की। रिजर्वेशन की सूची के मुताबिक एसएस नागर कोच ए-वन में सीट नंबर 25, उनकी पत्नी एमएस नागर सीट नम्बर 26 और एक अन्य सहयोगी एएच जैदी की सीट संख्या 27 है। इन सीटों के आरक्षण पर बिजनौर से लखनऊ तक की यात्रा की गई।
मैने नहीं की कोई यात्रा : सांसद
सांसद सुरेन्द्र सिंह नागर से मंगलवार सुबह फोन पर बात की गई, तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। उन्होंने बताया कि मैं लखनऊ में नहीं, नोएडा में हूं। उन्होंने साफ कहा कि वे, उनकी पत्नी हाल में बिजनौर गए ही नहीं। रेलवे से मालूमात कर फर्जी लोगों के खिलाफ शिकायत की जाएगी। उनके नाम पर टिकट कैसे बुक हुए, किसने कराए उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। अब रेलवे के अफसर उस 'नटवरलाल' की तलाश कर रहे हैं, जो सांसद के नाम पर फर्जी आरक्षण करा रेलवे को चूना लगा रहा है।
सांसद के नाम हुआ रिजर्वेशन
बिजनौर रेलवे स्टेशन अधीक्षक चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर से सांसद, उनकी पत्नी और अन्य साथी के लिए सोमवार रात्रि चंडीगढ़-लखनऊ एक्सप्रेस रेल गाड़ी के एसी-टू टायर में बुकिंग हुई थी। ट्रेन में यात्रा किसने की है, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है।
रेलवे अफसर भी है कसूरवार
यदि कोई व्यक्ति गौतमबुद्धनगर सांसद के कोड नंबर से ट्रेन में रिजर्वेशन कराता है, तो यात्रा के दौरान टीटी या अन्य अफसर उनका पहचान पत्र क्यों नहीं देखते हैं? आरक्षण के समय भी पहचान पत्र देखना गंवारा नहीं किया गया।
फोटो परिचय
बिज-7..बिजनौर रेलवे स्टेशन पर चस्पा रिजर्वेशन सूची, जिसमें गौतमबुद्धनगर सांसद, उनकी पत्नी व एक सहयोगी के नामों का उल्लेख है।
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