तत्कालीन डीएफओ समेत कई अफसरों से होगी 226 लाख की वसूली
नजीबाबाद : वन विभाग के आला अफसरों ने जांच में नजीबाबाद रिजर्व फारेस्ट की कौड़िया रेंज से ग
नजीबाबाद : वन विभाग के आला अफसरों ने जांच में नजीबाबाद रिजर्व फारेस्ट की कौड़िया रेंज से गुजर रही सुखरो नदी में हुए अंधाधुंध अवैध खनन से रेल पुल के बहने की पुष्टि होने पर तत्कालीन डीएफओ, तत्कालीन रेंजर कौड़िया एवं दो वन दारोगाओं समेत चार को आरोपपत्र जारी कर दिया है। इस प्रकरण की विस्तृत जांच में इन अफसरों की भूमिका तय होने के बाद 226.01 लाख रुपए की वसूली होना तय है। कांग्रेस कमेटी के प्रांतीय सदस्य कुलमणि त्यागी ने प्रमुख सचिव वन को भेजी गई शिकायत में कहा था कि कौड़िया वन रेंज से गुजर रही सुखरो नदी में अवैध खनन किए जाने और खनन की वजह से सुखरो नदी पर बना रेलवे पुल बहने की शिकायत दर्ज कराए जाने की मांग की थी। प्रमुख सचिव ने 14 फरवरी 2016 को इस प्रकरण की जांच प्रधान संरक्षक को सौंपी थी। बाद में इस पूरे प्रकरण की जांच प्रभारी वनाधिकारी अमरोहा से कराई गई। प्रभारी वनाधिकारी ने 14 नवंबर 2016 को इस प्रकरण की स्थलीय जांच की। इस दौरान उनके साथ कौड़िया रेंज के वर्तमान अफसर भी थे। सूत्रों का कहना था कि जांच के दौरान एक मई 2015 से 13 दिसंबर 2016 तक रिजर्व फारेस्ट नजीबाबाद की कौड़िया रेंज में कार्यरत अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की गई। जांच में उजागर हुआ कि सुखरो नदी में हुए अवैध खनन का मूल्यांकन 150 रुपए प्रति घनमीटर दर से किया गया। वहीं जांच में उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी नियमावली 1956 के नियम तीन का उल्लंघन करने और सरकार को 226.01 लाख रुपये के राजस्व की क्षति पहुंचाए जाने की पुष्टि हुई। उधर वन संरक्षक मुरादाबाद आरपी वर्मा ने तत्कालीन डीएफओ पीके राघव, तत्कालीन रेंजर कौड़िया डीके गोयल, वन दारोगा हृदेश कुमार और कोमल ¨सह को आरोपपत्र दिए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि विस्तृत जांच में इन अफसरों की भूमिका तय होने के बाद ही 226.01 लाख रुपये की वसूली होगी।