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दूसरी पारी को तैयार हुआ पुराना रेलवे पुल

नांगलसोती : 2001 में रेलवे के लिए बंद कर दिया गया बालावाली में गंगा पर बना पुल अब अपनी दूसरी पारी शु

By Edited By: Published: Sat, 17 Dec 2016 09:39 PM (IST)Updated: Sat, 17 Dec 2016 09:39 PM (IST)
दूसरी पारी को तैयार हुआ पुराना रेलवे पुल

नांगलसोती : 2001 में रेलवे के लिए बंद कर दिया गया बालावाली में गंगा पर बना पुल अब अपनी दूसरी पारी शुरू करेगा। इस पुल को सड़क यातायात के लिए शुरू किया जा रहा है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों के बाद इस पुल को सड़क यातायात के लिए शुरू करने की स्वीकृति मिल गई है।

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नांगलसोती के बालावाली में गंगा पर ब्रिटिश काल में सन 1888 में पुल का निर्माण किया गया था। लोहे के बने इस पुल से रेल यातायात का संचालन होता था, लेकिन वर्ष 2001 में पास में ही नया पुल बन जाने के कारण पुराने पुल से रेल यातायात बंद कर दिया गया। नए पुल से अभी तक ट्रेनों का संचालन हो रहा है। 129 वर्ष पुराना यह रेल पुल अब यातायात के लिए तैयार हो गया है। उत्तराखंड सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने इस पुल के जीर्णोद्धार को स्वीकृति दे दी। इस पर उत्तराखंड सरकार ने लोक निर्माण विभाग हरिद्वार द्वारा करीब साढ़े आठ करोड़ की लागत से इस पुल का जीर्णोद्धार कराया। इस पुल की लंबाई 875 मीटर है, जिस पर सड़क का निर्माण भी किया गया है। साथ ही पुल की दोनों साइड में रे¨लग भी लगाई गई है। अब इस पुल से सड़क यातायात शुरू हो गया है। वहीं दोनों राज्यों के प्रमुख शहरों की दूरियां कम हो गई हैं। इस पहल से दोनों राज्यों में व्यापारिक गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। इतना ही नहीं नांगलसोती क्षेत्र समेत जिले के लोग आसानी से उत्तराखंड पहुंच सकेंगे।

-27 लाख से हुआ था निर्माण

ब्रिटिश काल में इस पुल का निर्माण 27 लाख 94 हजार रुपये की लागत से किया गया था। यह पुल पूरी तरह लोहे से निर्मित है, जोकि बड़े पिलर्स पर टिका हुआ है।

-उत्तराखंड की दूरी हुई कम

पहले बिजनौर से हरिद्वार जाने के लिए 79 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता था। अब इस पुल से सड़क यातायात शुरू होने के बाद दूरी 72 किलोमीटर रह गई है। वहीं लक्सर की दूरी 111 किलोमीटर के बजाय 45 किलोमीटर रह गई है। हरिद्वार मार्ग से सहारनपुर की 149 किलोमीटर की दूरी 107 किलोमीटर रह गई है। वहीं रुड़की जाने की दूरी भी घटकर 67 किलोमीटर रह गई है।


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