कल चमन था, आज सेहरा हुआ
विभूति नारायण दुबे, ज्ञानपुर, भदोही कल चमन था, आज इक सेहरा हुआ, देखते ही देखते ये क्या हुआ ..। शाय
विभूति नारायण दुबे, ज्ञानपुर, भदोही
कल चमन था, आज इक सेहरा हुआ, देखते ही देखते ये क्या हुआ ..। शायर की यह पंक्तियां फिट बैठ रही हैं भदोही में रोपे गए 18.39 लाख पौधों पर। शुक्रवार को इतने पौधे जब रोपित हुए तो महसूस हुआ कि जिले में चारों ओर हरियाली छा जाएगी। जगह-जगह महोत्सव हुए। रैलियां निकली गईं। कसमें खाई गईं। नुक्कड़ नाटक भी हुए। ऐसा लग रहा था हर गांव व नगर चमन है, 24 घंटे में लगाए गए पौधे सूख गए। महोत्सव वीरानी में तब्दील हो गई। दुर्गागंज के मसुधी गांव में एक हेक्टेयर भूखंड में 500 पौधे रोपित किए गए थे। नेता और विभागीय अधिकारी इनकी देखभाल करने की बात कह रहे थे, लोगों के अंदर जागरूकता की लौ जलाने की कोशिश में थे। कार्यक्रम क्या बीता, सब भूल गए। 460 पौधे सूख गए। वह जमीन पर लोटने लगे। यकीनन कल तक वह गायब भी हो जाएंगे। बमुश्किल 40 पौधे ही जिदा रहेंगे, अगर इनकी ठीक से देखभाल हो गई तो .। यह इलाका तो सिर्फ नजीर है, हरियाली की यही स्याह तस्वीर हर जगह दिखाई पड़ रही है।
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अभिभावक भी गायब : ग्रामीण क्षेत्रों में रोपित पौधों के देख-रेख के लिए अभिभावक नामित किए गए हैं। संबंधित ग्राम पंचायतों के रोजगार सेवक को यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन रोपित पौधों की देखभाल वे भूल गए। उधर 22 अन्य विभागों ने 15.88 लाख पौधे रोपित किए हैं। सर्वाधिक ग्राम्य विकास विभाग 11.44 लाख तो शेष बाकी विभाग। लगाए गए पौधों को जीवित रखना उन्हीं की जिम्मेदारी है, जिसे वे समझ नहीं रहे हैं।
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थम गया शोर, खुलेगी कलई : मुख्यमंत्री के निर्देश पर पौधारोपण का शोर आज थम गया। चुनावी पैटर्न पर मानीटरिग की बात कही गई थी, लेकिन धरातल पर दिखा कुछ भी नहीं। श्रेणीवार पीठासीन, जोनल व सुपर जोनल अधिकारियों को नामित किया गया था, लेकिन सुबह नौ बजे शुरु हुए अभियान में पूरे दिन यह प्रशासनिक हनक फीकी नजर आई।
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वन विभाग की ओर से रोपित पौधों की जीवित रखने के लिए विभाग काम करेगा। नियमित मानीटरिग की जा रही है, इसके अलावा अन्य विभागों ने जो पौधे रोपित किया है उनकी सुरक्षा उन्हें स्वयं करनी है।
- आलोक कुमार सक्सेना, प्रभागीय वनाधिकारी, भदोही
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जो पौधे कृषक रोपित किए हैं, वे उन पौधों की सुरक्षा करेंगे। जो खुले और तालाब पर पौधे रोपित हुए हैं, वे मनरेगा श्रमिक करेंगे। अभी कहीं से रिपोर्ट नहीं ली गई है, इसके बारे में उनसे पूछेंगे कि उन्होंने क्या किया।
- विवेक त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी
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