केंद्रों पर नहीं चलेगी मनमानी, बिचौलियों पर रहेगी निगहबानी
शिकंजा सबहेड.. -प्रशासन की ओर से खाद्य विभाग के अधिकारियों को सख्त हिदायत होगी कार्रवाई क्रासर. - बोरे की कमी को लेकर डीएम ने पीसीएफ के अधिकारियों को किया तलब - पिछले वर्ष का भुगतान न होने पर बोरा नहीं दे रहे मिलर दी गई चेतावनी
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही): किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े तेवर को देख अफसरों के चेहरे पर हवाइयां उड़ रहीं है। अभी तक केंद्रों पर की जा रही हीलाहवाली को लेकर जहां केंद्र प्रभारियों पर शिकंजा कस दिया गया है, तो वहीं बिचौलियों पर भी निगहबानी करने की योजना तैयार की जा रही है। जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने पीसीएफ के केंद्रों पर बोरे की कमी की मिल रही शिकायत को गंभीरता से लिया है। जिला विपणन अधिकारी के अलावा अन्य एजेंसियों के प्रबंधकों को तलब कर कड़ी हिदायत दी है।
जिले में 50 केंद्रों पर धान की खरीद की जा रही है। बिचौलियों पर शिकंजा कसने के लिए शासन से 100 क्विटल से अधिक धान खरीद पर रोक लगा दी गई है। बगैर सत्यापन केंद्र प्रभारी इससे अधिक धान की खरीद नहीं कर सकेंगे। हकीकत यह है कि शासन की ओर से मिलरों को बोरा उपलब्ध कराने का फरमान जारी किया गया है। इसके बदले में बोरा की कीमत देने को कहा गया है। गेहूं खरीद के समय सरकारी दुकानदारों से बोरे लिए गए थे। इसके एवज में 25 रुपये प्रति बोरी दाम देने को कहा गया था लेकिन सरकार की ओर से अभी महज 10 रुपये ही मिल पाए हैं। विपणन विभाग तो किसी तरह से दबाव बनाकर काम चला लेता है लेकिन अन्य एजेंसी के अधिकारी फेल हो जाते हैं। बताया जाता है कि पीसीएफ अभी पिछले खरीद का बकाया का भुगतान मिलरों को नहीं किया है। इसलिए मिलर बोरा देने से कन्नी काट रहे हैं। बोरे की कमी की शिकायत मिलने पर डीएम ने पीसीएफ के अधिकारियों पर शिकंजा कसा है। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में खरीद बंद नहीं होनी चाहिए। किसी भी किसान को परेशानी हुई तो केंद्र प्रभारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।