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अपहरणकर्ता के शरीर में गोली के तीन जख्म

प्रयागराज से बच्चे के अपहरणर्ता मृतक संजय यादव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने की तीन जगह जख्म पाया गया। सूत्रों के अनुसार उसके सिर में दाहिने से गोली लगकर आर-पार हो गई। इसी तरह उसके जंघा में भी लगी गोली छेद करते हुए निकल गई थी। अपहरण के आरोपी संजय के हाथ के पंजे में भी चोट पाई गई है। जानकारी के मुताबिक फायरिग में जख्म गंभीर होने से रक्तस्त्राव ज्यादा हो गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 12:22 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 12:22 AM (IST)
अपहरणकर्ता के शरीर में गोली के तीन जख्म
अपहरणकर्ता के शरीर में गोली के तीन जख्म

जासं, ज्ञानपुर (भदोही) : अपहरणकर्ता संजय यादव के शरीर में गोली के तीन जख्म मिले हैं। पुलिस की थ्योरी यह है कि उसे दो गोलियां लगी हैं। एक जो उसने खुद को कनपटी पर मार ली, दूसरा पुलिस ने उसकी जांघ पर। तीसरा जख्म दाहिनी हथेली में सामने आया है। यह पुष्टि हुई है बुधवार को पोस्टमार्टम के दौरान हुई।

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डॉक्टरों का कहना है कि उसके शरीर में तीन गन शॉट है। तीसरा गन शॉट कैसे हुआ, इस पर सवाल खड़ा हो गया है। जांघ में लगी गोली आर-पार हो गई है लेकिन कनपटी पर लगी गोली गले के नीचे से निकल गई। यह अनसुलझे सवाल झोड़ गई कि आखिर कनपटी पर लगी गोली सीधे आर-पार हो जाती, लेकिन गले के नीचे से गुजरने का क्या मतलब है। तीसरा गन शॉट किन परिस्थितयों में हुआ, यह तो फिलहाल जांच का अहम हिस्सा बन गया है, इसका जवाब पुलिस के अधिकारी खोज रहे हैं। वे बुलेट का खोखा भी खोज रहे हैं लेकिन उन्हें इसमें भी कामयाबी हासिल नहीं हो पाई है। चूंकि परिवार ने पुलिस पर गंभीर इल्जाम लगाए हैं तो सवालों को बल मिलना लाजमी है।

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1.10 घंटे में हुआ पोस्टमार्टम : मृतक संजय यादव के शव का चिकित्सकों की टीम ने एक घंटा दस मिनट में पोस्टमार्टम किया। बकायदा मजिस्ट्रेट की निगरानी में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की गई। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वीडियोग्राफी भी कराई गई। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए संजय के शरीर के हर अंग का बारीकी से परीक्षण किया गया। इन तीन गन शॉट के अलावा उसके शरीर में जख्म के कोई दूसरे निशान नहीं मिले हैं।

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पोस्टमार्टम हाउस का गेट बंद कर गुफ्तगू

- भले ही शाम चार बजे के बाद पोस्टमार्टम हुआ, लेकिन पोस्टमार्टम हाउस पर चिकित्सकों के पहुंचने के पहले करीब एक बजे पहुंची पुलिस अधिकारियों की टीम मुख्य द्वार बंद कर गुफ्तगू कर रही थी। वजह जो भी रहा हो लेकिन मृतक के परिजनों के किसी भी सदस्य को भी अंदर जाने से मनाही थी। 20 मिनट बाद ही पुलिस अधिकारी बाहर निकले ..।

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