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बीईओ के निरीक्षण में बदहाल मिली स्कूलों की व्यवस्था

बेसिक शिक्षा को सु²ढ़ करने को लेकर शासन तमाम कवायद में जुटी है। बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले तो प्रत्येक बच्चों का नामांकन स्कूलों में सुनिश्चित हो। इसे लेकर तरह-तरह के अभियान भी चल रहे हैं लेकिन जिम्मेदार शिक्षक सारी कवायद में पलीता लगा दे रहे हैं। सोमवार को खंड शिक्षाधिकारी ज्ञानपुर केडी पांडेय द्वारा किए गए तीन स्कूलों के निरीक्षण में व्यवस्था पूरी तरह बदहाल मिली।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 05:13 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 05:13 PM (IST)
बीईओ के निरीक्षण में बदहाल मिली स्कूलों की व्यवस्था
बीईओ के निरीक्षण में बदहाल मिली स्कूलों की व्यवस्था

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : बेसिक शिक्षा को सुदृढ़ करने को लेकर शासन तमाम कवायद में जुटी है। बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले तो प्रत्येक बच्चों का नामांकन स्कूलों में सुनिश्चित हो। इसे लेकर तरह-तरह के अभियान भी चल रहे हैं लेकिन जिम्मेदार शिक्षक सारी कवायद में पलीता लगा दे रहे हैं। सोमवार को खंड शिक्षाधिकारी ज्ञानपुर केडी पांडेय द्वारा किए गए तीन स्कूलों के निरीक्षण में व्यवस्था पूरी तरह बदहाल मिली। यहां तक कि कंपोजिट ग्रांट साफ मिला लेकिन विद्यालय परिसर में गंदगी की भरमार, श्यामपट, चाक, डस्टर तक की व्यवस्था नदारद। सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों सहित सहायक शिक्षकों व संकुल प्रभारी पिलखुना को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया।

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प्राथमिक विद्यालय कोटियापर रोही में पहुंचे बीईओ को पूरा परिसर झाड़ियों से पटा मिला। शिक्षक डायरी नहीं मिली तो कार्य पुस्तिका, लिखित कार्य का नियमित जांच नहीं की गई थी। पिछले दिनों लगाए गए पौधे नहीं मिले। इसी तरह पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय रोही में तो परिसर में दरवाजे तक बड़ी-बड़ी झाड़ियां मिली तो श्यामपट, डस्टर, चाक, लर्निंग आउटकम पोस्टर, समय सारिणी, प्रबंध पंजिका आदि तक नहीं मिला। खिड़की, दरवाजे टूटे या गायब मिले। जबकि यहां भेजा गया कंपोजिट ग्रांट साफ हो चुका है। दोनों स्कूलों के प्रधानाध्यापकों, शिक्षक व संकुल प्रभारी योगेंद्र बहादुर सिंह को दायित्व के प्रति लापरवाही बरतने पर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया। इसी तरह प्रा. विद्यालय मोहनपुर रोही में बच्चे यूनिफार्म में नहीं मिले तो शिक्षक डायरी नहीं बनी थी। पाठ्यक्रम का विभाजन नहीं किया गया था। हेडमास्टर व शिक्षकों से तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया।


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