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बारिश ने थामी मनरेगा की रफ्तार, संकट में कामगार

कोरोना वायरस संक्रमण के विस्तार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन में मुंबई सहित विभिन्न प्रांतों से लौटे प्रवासियों सहित जाबकार्ड बनवाकर मजदूरी करने में लगे मजदूर। आसरा था कि मनरेगा में काम कर लेंगे तो गृहस्थी की गाड़ी चलती रहेगी। काम चल भी रहा था। जरूरतमंदों को रोजगार मिल भी रहा था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 05:39 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 05:39 PM (IST)
बारिश ने थामी मनरेगा की रफ्तार, संकट में कामगार
बारिश ने थामी मनरेगा की रफ्तार, संकट में कामगार

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कोरोना वायरस संक्रमण के विस्तार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन में मुंबई सहित विभिन्न प्रांतों से लौटे प्रवासियों सहित जॉबकार्ड बनवाकर मजदूरी करने में लगे मजदूर। आसरा था कि मनरेगा में काम कर लेंगे तो गृहस्थी की गाड़ी चलती रहेगी। काम चल भी रहा था। जरूरतमंदों को रोजगार मिल भी रहा था। बारिश ने सारा खेल बिगाड़ दिया है। एक पखवारे से अधिक समय से लगातार हो रही बारिश ने मनरेगा की रफ्तार थाम दी है। तालाबों में पानी भरने से जहां खोदाई का कार्य ठप पड़ चुका है, तो अन्य कार्यों पर भी विराम लग चुका है। उधर बारिश में आम जन भी निर्माण कार्य आदि नहीं करा रहे हैं। जहां उन्हें रोजगार मिल सके। इससे कामगारों के समक्ष संकट गहरा चुका है। काम बंद होने से गृहस्थी कैसे चले इसे लेकर चिता खड़ी हो चुकी है।

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केस 1 : भदोही ब्लाक के कंदुई गांव निवासी सुभाष गांव में मनरेगा के तहत खोदे जा रहे तालाब में लगकर जीविकोपार्जन कर रहे थे। तालाब में पानी भर चुका है। काम बंद हैं। अब क्या करें समझ में नहीं आ रहा है। कई दिन हो गया काम किए, कैसे गृहस्थी चले चिता खड़ी है। केस 2 : लठिया निवासी अवधेश मौर्या भी मनरेगा को जीविकोपार्जन का जरिया बनाए हुए थे। बारिश ने काम बंद कर दिया है। अन्य लोग भी निर्माण कार्य आदि नहीं करा रहे हैं। इससे घर बैठे हैं। काम न मिलने के परिवार का खर्च चलाना भारी पड़ रहा है।

-दरअसल, जिले में मनरेगा के तहत तालाबों की खोदाई कार्य को ही प्रमुखता दी जा रही थी। ऐसे में एक पखवारे से लगातार किसी दिन झमाझम तो किसी दिन हल्की बारिश होने से तालाबों में पानी भर गया है। इससे कार्य नहीं हो पा रहा है। 10 दिन पहले मनरेगा के कार्य में लगे 28907 मजदूरों की संख्या घटकर 21 हजार पर पहुंच चुकी है। 8000 मजदूरों, कामगारों को घर बैठना पड़ गया है।

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बारिश के चलते मनरेगा का काम प्रभावित हुआ है। पहले 500 से अधिक गांवों में काम चल रहा था। 28907 लोग लगे थे। अब 483 में चल रहा है और 21 हजार मजदूर काम कर रहे हैं। इसमें भी उपस्थिति 50 फीसद की ही आ रही है।

- राजाराम, उपायुक्त मनरेगा।


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