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278 करोड़ का लटका प्रस्ताव, स्वीकृति का इंतजार

कालीन नगरी की जलनिकासी समस्या का समाधान हो सकता है बशर्ते इसके लिए गंभीरता से प्रयास किया जाए। पालिका प्रशासन द्वारा इस दिशा में सात माह पहले ही शासन को 27

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 08:14 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 08:14 PM (IST)
278 करोड़ का लटका प्रस्ताव, स्वीकृति का इंतजार

जागरण संवाददाता, भदोही: कालीन नगरी में जलनिकासी की बड़ी समस्या है। बारिश होते ही सड़कों पर घुटने भर पानी जमा हो जाता है। इसकी समाधान के लिए पालिका प्रशासन ने सात माह पहले ही शासन को 278 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था लेकिन अभी तक उसे हरी झंडी नहीं मिल सकी है।

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कालीन नगरी की जलनिकासी समस्या चार दशक से सिरदर्द बनी हुई है। निकासी के उचित प्रबंध न होने के कारण बारिश होते ही प्रमुख मार्गों सहित 60 फीसद गली मोहल्लों में जलप्लावन की स्थिति हो जाती है। इन दिनों यह नजारा लगभग रोज देखने को मिल रहा है। इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है।

शहर की जलनिकासी के लिए वर्ष 1970-80 के दशक में तत्कालीन पालिका बोर्ड ने सीवर व्यवस्था की थी। उस समय नगर की कुल आबादी 25 से 30 हजार थी। जैसे-जैसे आबादी बढ़ती गई वैसे-वैसे समस्या बढ़ती गई। खाली पड़ी जमीनों पर कालीन कंपनियां, कारखाने व भवन का निर्माण हो गए तो अस्थाई निकासी के संसाधन भी धीरे-धीरे सिमटते गए।

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दो बार पहले भी भेजा जा चुका है प्रस्ताव

वर्ष 2014 में तत्कालीन बोर्ड ने सीवरेज प्लांट के लिए 252 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा था लेकिन उसे हरी झंडी नहीं मिली। इसी तरह वर्ष 2018 में वर्तमान बोर्ड ने शासन के आदेश पर 255 करोड़ का प्रस्ताव बनाया था। तीन जून को भदोही आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पालिकाध्यक्ष अशोक जायसवाल ने प्रस्ताव सौंपा था लेकिन उसे भी मंजूरी नहीं मिली। इस बीच जलनिकासी समस्या के समाधान के लिए कोई मास्टर प्लान नहीं बनाया गया बल्कि पालिका बोर्ड द्वारा समय-समय पर सीवर लाइन डलवाने का काम किया लेकिन उसमें भी महज धन की बर्बादी हुई।

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किन-किन वार्डों में है अधिक समस्या

शहर के सभी 25 वार्डों में जलनिकासी की समस्या है लेकिन घमहापुर, आलमपुर, नईबस्ती, जल्लापुर नईबस्ती, पीरखानपुर, मीराशाह सहित 10 वार्डो में जलनिकासी की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है। बारिश होते ही उक्त वार्डों में जलप्लावन की स्थिति हो जाती है। स्टेशन रोड, अहमगंज गजिया, तकिया कल्लन शाह, मशाल रोड, पकरी तिराहा सहित 8 मार्गों पर भारी जलजमाव हो जाता है। बारिश थमने के चार से पांच घंटे तक जलजमाव की स्थिति रहती है।

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क्या है पालिका का मास्टर प्लान

पालिकाध्यक्ष अशोक जायसवाल का कहना है कि प्रस्ताव को शासन की हरी झंडी मिल चुकी है। धन की व्यवस्था हो गई तो 25 वार्डों के 115 मोहल्लों के एक लाख से अधिक आबादी को राहत प्रदान करने का काम शुरू हो जाएगा। पूरे शहर में नए सिरे से सीवर लाइन डालने के साथ शहर के चारों तरफ सीवरेज प्लांट स्थापित किया जाएगा। जलनिकासी का पानी फिल्टर कर करके नदियों में गिराया जाएगा।


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