ईद पर कपड़ा व्यवसाय को लॉकडाउन का झटका
माह रमजान के दौरान लाकडाउन कपड़ा व्यवसायियों के लिए गंभीर चिता का कारण बना है। साल भर में सबसे अधिक कमाई वाले रमजान में इस बार बोहनी होने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। जबकि स्टोर में करोडों का माल डंप है। कुछ व्यापारियों के माल ट्रांसपोर्ट में फंसे हैं। उधर दो माह पहले ही माल की बुकिग कराने वाले दुकानदार पूंजी फंसाकर हाथ मलने को विवश हैं। दुकानदारों को आगामी तीन मई से राहत मिलने की उम्मीद है। लोगों का कहना है कि सरकार ने पर्व के मद्देनजर छूट प्रदान कर दी तो व्यापारियों को कुछ न कुछ राहत जरूर मिलेगी।
चिता
- दुकानें बंद होने से डंप है लाखों का माल, पूंजी फंसी
- रमजान माह में कपड़ा व्यवसायी करते थे दुकानदारी
जासं, भदोही : माहे रमजान में लॉकडाउन ने कपड़ा व्यवसायियों को तगड़ा झटका दे दिया है। ईद के मौके पर दुकानदारी करने की मंशा से तैयारी कर रखे व्यापारियों की कमर टूट चुकी है। कारण है कि साल भर में सबसे अधिक कमाई वाले इस माह में जहां इस बार बोहनी होने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। करोड़ों का माल दुकानों में डंप है तो कुछ व्यापारियों के माल ट्रांसपोर्ट में फंसे हैं। उधर दो माह पहले ही माल की बुकिग कराने वाले दुकानदार पूंजी फंसाकर हाथ मलने को विवश हैं।
माह रमजान कपड़ा व्यवसाय के लिए बेहद अहम माना जाता है। प्रत्येक मुस्लिम परिवार में नए कपड़े की खरीदारी होती है। इसे देखते हुए दुकानदार काफी पहले से तैयारी शुरू कर देते हुए। नए वेरायटी व डिजाइन के कपड़ों को स्टोर करने लगते हैं, जिससे अधिक से अधिक ग्राहकों को आकर्षित किया जा सका। इस बार तैयारी में लगे व्यवसायियों को लॉकडाउन में झटका दे दिया। प्रमुख कपड़ा व्यवसायी रहमत अली का कहना रहा कि रमजान में व्यवसाय के लिए उन्होंने 40 से 45 लाख का माल उन्होंने स्टोर किया था। माल के बंडल खोलने का अवसर भी नहीं मिला। सारा माल डंप है। दुकानें खोलने की अनुमति नहीं मिली तो सारा माल डंप रह जाएगा। पूरी पूंजी फंसी रह जाएगी। इसी तरह शहर के अन्य कपड़ा व्यवसायियों को तगड़ा झटका लगा है।