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जिले को मिलेगा 200 क्विटल ढैंचा बीज, मिली स्वीकृति

गर्मी के मौसम में हरी खाद तैयार करने की तैयारी में जुट

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 04:22 PM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 04:22 PM (IST)
जिले को मिलेगा 200 क्विटल ढैंचा बीज, मिली स्वीकृति

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : गर्मी के मौसम में हरी खाद तैयार करने की तैयारी में जुटे किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं हैं। जिले को हरी खाद तैयार करने को 200 क्वींटल ढैंचा बीज आपूर्ति करने के लिए शासन स्तर से स्वीकृति मिल चुकी है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही आपू्ित हो जाएगी और किसानों को वितरित भी किया जाएगा। बीज प्राप्त होते ही बिक्री की तैयारी कराने में महकमा जुट चुका है। बीज आपूर्ति की जिम्मेदारी बीज विकास निगम को दी गई है।

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किसान हरी खाद से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए ढैंचा की बोआई करते हैं। पिछले वर्ष भदोही जिले में करीब 400 क्वींटल बीज की बिक्री की गई थी। हालांकि इस वर्ष अभी पहले चरण में 200 क्विटल बीज आपूर्ति करने की स्वीकृति दी गई है। जिसकी कीमत करीब 70 रुपये किलो निर्धारित है। किसानों को बीज पर अनुदान दिया जाएगा। वैसे अभी अनुदान की साथ तय नहीं हो सका है। माना जा रहा है कि अन्य वर्षों की तरह 50 फीसद अनुदान तय होगा।

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कैसे तैयार होगी हरी खाद

- हरी खाद के लिए ढैंचा की बोआई मई में शुरू होगी। फसल की बोआई के 40 से 60 दिन के अंदर गहरी जोताई करा फसल को मिट्टी में मिला देना चाहिए। हरी खाद को पलटते समय खेत में पर्याप्त नमी होना आवश्यक है। फसल में फूल आने से पूर्व हरी खाद के लिए सर्वोत्तम होती है। प्रति बीघा ढैंचा की बोआई के लिए 20 किलो बीज पर्याप्त होता है।

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यह है लाभ

- भूमि में जीवांश पदार्थ व पोषक तत्वों की मात्रा में वृद्धि होती है। पोषक तत्वों का निछालन कम से कम होता है। साथ ही पोषण तत्वों के संग्रहण की क्षमता बढ़ जाती है।

- भूमि की जल धारण, संचयन एवं वायु संचार क्षमता में वृद्धि होती है। भूमि में कार्य करने वाले लाभदायक जीवाणुओं की क्रियाशीलता में भी बढ़ोत्तरी होती है। फसलोत्पादन में वृद्धि के साथ गुणवत्ता भी अच्छी होती है।

- खर पतवार नियंत्रण में आसानी होती है। पौधों में रोग व कीटों के लगने की संभावना कम हो जाती है। नत्रजन की मात्रा बढ़ती है। हरी खाद क्षारीय भूमि को सुधारकर खेती के योग्य बनाती है।

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- प्रथम चरण में 200 क्विटल बीज आपूर्ति की स्वीकृति मिली है। जल्द ही बीज आने की उम्मीद है। आते ही राजकीय बीज भंडारों के जरिए बिक्री सुनिश्चित कराई जाएगी। किसानों की मांग के अनुरूप इसे बढ़ाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। जिससे अधिक से अधिक किसानों को ढैंचा बीज उपलब्ध हो सके। -- अरविद कुमार सिंह : उप कृषि निदेशक


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