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जीएसटी बिल पर शिक्षकों और ऑडिट अफसरों में ठनी

अपरिषदीय विद्यालयों में कंपोजिट ग्रांट और एसएमसी खाते में भेजी गई धनराशि पर गोलमाल किया गया है। लखनऊ से आई आडिट टीम को शिक्षक जीएसटी बिल नहीं उपलब्ध करा पा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 04:50 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 04:50 PM (IST)
जीएसटी बिल पर शिक्षकों और ऑडिट अफसरों में ठनी
जीएसटी बिल पर शिक्षकों और ऑडिट अफसरों में ठनी

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : परिषदीय विद्यालयों में कंपोजिट ग्रांट और एसएमसी खाते में भेजी गई धनराशि पर गोलमाल किया गया है। लखनऊ से आई आडिट टीम को शिक्षक जीएसटी बिल नहीं उपलब्ध करा पा रहे हैं। औराई ब्लाक संसाधन केंद्र पर टीम और शिक्षकों में कहासुनी हो गई थी। टीम के अधिकारी जीएसटी बिल मांग रहे थे लेकिन शिक्षक आनाकानी कर रहे थे। बिल उपलब्ध न कराए जाने पर अधिकारी वापस हो गए।

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प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के रखरखाव आदि के लिए प्रत्येक वर्ष लाखों रुपये कंपोजिट ग्रांट के रूप जारी किए जाते हैं। इसी के साथ एसएमसी खाते में भी यूनीफार्म आदि के लिए करोड़ों रुपये बजट के रूप में दिए जाते हैं। शासन के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2018-19 में जारी बजट की सीए आडिट करने के लिए लखनऊ से टीम आई हुई है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार की ओर से बीआरसी, एनपीआरसी, एसमएसी आदि को पत्र भेजकर अभिलेख उपलब्ध कराने को कहा है। सात अक्टूबर की तिथि निश्चित हुई है। औराई में पहुंची टीम के सामने जीएसटी बिल उपलब्ध नहीं कराया जा सका है।

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यूनीफार्म में भी किया जा रहा खेल

परिषदीय विद्यालयों में कथित सिलाई केंद्रों से यूनीफार्म की सिलाई कराकर नौनिहालों में ड्रेस बांट दिया जा रहा है। वाणिज्यकर विभाग में इन कथित सिलाई केंद्रों का पंजीयन भी करा दिया गया है। वाणिज्यकर अधिकारियों को सिलाई केंद्र खोजे नहीं मिल रहे हैं। माना जा रहा है कि सत्यापन में सिलाई केंद्र नहीं मिले तो पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा। अधिकारियों के आंख में धूल झोंकने के लिए फर्मों ने कथित सिलाई केंद्र के बहाने गाइड लाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं।


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