पराली जलाने का दंड, 2500 लगा अर्थदंड
पराली जलाकर पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे किसानों पर जिला प्रशासन सख्त हो उठा है। अब किसानों पर गिरेगीगाज गिरनी शुरू हो चुकी है। पहली घटना के रूप में पराली जलाने के दोषी मिले ज्ञानपुर तहसील क्षेत्र के जगापुर निवासी किसान ओमप्रकाश पर दंड के रूप में 2500 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : पराली जलाकर पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे किसानों पर जिला प्रशासन सख्त हो उठा है। अब किसानों पर गिरेगीगाज गिरनी शुरू हो चुकी है। पहली घटना के रूप में पराली जलाने के दोषी मिले ज्ञानपुर तहसील क्षेत्र के जगापुर निवासी किसान ओमप्रकाश पर दंड के रूप में 2500 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का स्पष्ट निर्देश है कि पराली एकदम न जलाएं। इसका अनुपालन न करने वालों पर जुर्माने और जेल का भी प्रावधान है, इसके बाद भी गांवों में इस आदेश की खुलेआम अवहेलना हो रही है। धान की कटाई के बाद खाली खेतों में पराली (फसल अवशेष) जलाया जा रहा है। इसके चलते उठ रहे धुआं के गुबार से हर किसी की सांसों में जहर घुलता दिखाई पड़ रहा है। किसानों की जरा सी नासमझी से कीट मित्र नष्ट हो रहे हैं और मिट्टी को उर्वरा शक्ति भी क्षीण होती जा रही है। जागरण द्वारा इस समस्या को प्रमुखता के साथ उठाते हुए अपने दो दिसंबर के अंक में जला रहे पराली, अफसर अंजान शीर्षक से प्रकाशित किया। जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने पराली जलाने को गंभीरता से लिया है। मामले की जहां जांच कराकर संबंधित किसान के खिलाफ जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया। जांच के बाद तहसीलदार ज्ञानपुर देवेंद्र यादव ने मामला सही मिलने पर दोषी किसान पर 2500 रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड की धनराशि को लेखा शीर्षक 0070-अन्य, प्रशासनिक सेवाएं 60, अन्य सेवाएं 800 अन्य प्राप्तियों के अंतर्गत पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के रूप में जमा करने का निर्देश दिया है। चेताया है कि 15 दिन में धनराशि न जमा करने पर भू-राजस्व की तरह वसूली की जाएगी।