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सॉल्वर गिरोह ने लाखों में बेची उत्तर कुंजी

काशीराज महाविद्यालय इंटर कालेज और बाबूसराय में तीन परीक्षार्थियों के पास से उत्तर कुंजी पकड़े जाने पर शिक्षक पात्रता परीक्षा की शुचिता की पोल खोल कर रख दी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 09:14 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 09:14 PM (IST)
सॉल्वर गिरोह ने लाखों में बेची उत्तर कुंजी
सॉल्वर गिरोह ने लाखों में बेची उत्तर कुंजी

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : काशीराज महाविद्यालय इंटर कालेज और बाबूसराय में तीन परीक्षार्थियों के पास से उत्तर कुंजी पकड़े जाने पर शिक्षक पात्रता परीक्षा की शुचिता की पोल खोल कर रख दी। हकीकत यह है कि सॉल्वर गिरोह ने लाखों रुपये लेकर उत्तर कुंची बेची थी। प्रदेश के अन्य जिलों से पेपर आउट कर नकल सामग्री तैयार कराई गई थी। जनपद के अन्य केंद्रों पर भी साल्वर गिरोह के लोगों ने उत्तर कुंजी पहुंचाई थी। इन केंद्रों पर न तो केंद्र व्यवस्थापक की नजर पड़ी और न ही स्टैटिक मजिस्ट्रेट की।

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साल्वर गिरोह का तार सीधे जनपद के कोईरौना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। टीईटी ही नहीं अन्य बड़े प्रतियोगी परीक्षाओं में भी केंद्र के अंदर तक उत्तर कुंजी पहुंचाने में उन्हें महारथ हासिल है। गिरोह के लोग इसके एवज में एक से दो लाख रुपये तक की वसूली करते हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि साल्वर गिरोह के सरगना ने प्रदेश के अन्य जिले में पेपर आउट कराकर उत्तर कुंजी तैयार कराया गया था। प्रत्येक परीक्षार्थियों से उत्तर कुंजी के बदले में एक लाख रुपये वसूले गए थे। इसकी पुष्टि भी धनतुलसी क्षेत्र के तीनों परीक्षार्थियों को पकड़े जाने से किया जा जा सकता है। यहां पर केंद्र व्यवस्थापकों को पहले से ही इस बात का सुराग मिल गया था। जिससे वह सतर्क होकर गंभीरता से छानबीन की। जांच में तीनों परीक्षार्थियों के पास से हल किए गए चिट मिले। चिट से प्रश्नपत्रों से मिलान किया गया तो सब एक जैसे मिले। कई केंद्रों पर भी उत्तर कुंजी पहुंचाई गई थी। हालांकि यहां के केंद्र व्यवस्थापक और प्रशासन की ओर से तैनात अधिकारी मेहमान नवाजी से खुश होकर कक्षा कक्ष में जांच करना मुनासिब नहीं समझे। जिला विद्यालय निरीक्षक अशोक चौरसिया का कहना है कि तीन परीक्षार्थी नकल करते पकड़े गए हैं। इसकी जानकारी हुई है लेकिन यह कहां तैयार कराया गया था इसका पता नहीं लग पाया है।

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मास्टरमाइंड का नहीं हो रहा मोहभंग शिक्षा विभाग से मास्टरमाइंड का मोहभंग नहीं हो रहा है। परीक्षा का नाम आते ही शिक्षा विभाग के अधिकारी उनकी खोज में जुट जाते हैं। नाम के लिए परीक्षा की जिम्मेदारी एक लिपिक को सौंप दी गई है लेकिन अंदरखाने में मास्टरमाइंड का ही जादू चलता है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि उन्हें कुछ दिन के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था लेकिन विभाग में पकड़ मजबूत होने के कारण वह फिर जिले में ही पहुंच गए। बोर्ड से लेकर प्रतियोगी परीक्षा के लिए उन्हें लगा दिया जाता है। फिर क्या वह अपना गोटी सेट करने में जुट जाते हैं।

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इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ पकड़ी जा चुकी है महिला : इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ टीईटी परीक्षा में एक महिला पकड़ी जा चुकी है। गुलाबधर मिश्र इंटर कालेज गोपीगंज में क्राइम ब्रांच की टीम ने छापेमारी कर इस एक महिला को इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ पकड़ लिया था। वह प्रयागराज के हंडिया क्षेत्र की शिक्षा मित्र थी। तमाम तैयारी के बाद भी साल्वर गिरोह ने टीईटी परीक्षा की शुचिता में सेंध लगा ही दिया।


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