मन खुश हुआ! दीदी मेरी दोस्त बन गई
ह्दय सागर हो और स्वभाव मीठा तो किसी को रिझाने में वक्त की जरूरत नहीं होती। कुछ इसी तरह का नजारा सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी में उस समय देखा गया जब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी माता सीता का पूजन-दर्शन कर रही थी।
सुरेंद्र दुबे, सीतामढ़ी भदोही
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ह्दय सागर हो और स्वभाव मीठा तो किसी को रिझाने में वक्त की जरूरत नहीं होती। कुछ इसी तरह का नजारा सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी में उस समय देखा गया, जब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी माता सीता का पूजन-दर्शन कर रही थी। कंधे पर हाथ रखकर बार-बार दुलार-प्यार और फिर हंसना और हंसाना। यही नहीं पूजा करते समय अगरबत्ती भी उसके हाथ में देकर आरती भी कराईं। फिर क्या हर किसी के दिलो दिमाग में उस बालमन का चेहरा छा गया। वह बालमन और कोई नहीं बल्कि सीतामढ़ी गेस्ट हाउस के प्रबंधक कैलाशचंद का ग्यारह वर्षीय बालक नीरज है। हुआ यूं कि सोमवार को शाम सात बजे पहुंच गई थीं। यहां पर रात्रि विश्राम के दौरान गेस्ट हाउस में ही निरज उनके पास आने-जाने लगा और घुल-मिल गया। मंगलवार को दर्शन-पूजन के साथ वह भी उनके साथ मंदिर पहुंचकर पूजन किया। नीरज ने बताया कि दीदी बहुत ही अच्छी हैं, उनसे मेरी दोस्ती हो गई है। उसके खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। वह बार-बार यही कहता कि दीदी बहुत अच्छी हैं। उनसे मिलने दिल्ली भी जाउंगा।