शिक्षामित्रों ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन
अध्यादेश लाकर पुन: शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर बहाल करने, सभी शिक्षामित्रों को स्थाई पद व वेतनमान देकर उनका भविष्य सुरक्षित करने व 69 हजार शिक्षक भर्ती में कट आफ को हटाते हुए मौका देने सहित अन्य मांगों को लेकर शिक्षामित्रों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : अध्यादेश लाकर पुन: शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर बहाल करने, सभी शिक्षामित्रों को स्थाई पद व वेतनमान देकर उनका भविष्य सुरक्षित करने व 69 हजार शिक्षक भर्ती में कट आफ को हटाते हुए मौका देने सहित अन्य मांगों को लेकर शिक्षामित्रों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के नाम संबोधित पत्रक जिलाधिकारी को सौंपकर कार्रवाई की मांग की। चेतावनी दी कि छह फरवरी तक मांगें पूरी नहीं किया गई तो सात फरवरी से शिक्षामित्र जंतर-मंतर दिल्ली में धरना देने को बाध्य होंगे।
प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले दोपहर में कलेक्ट्रेट पहुंचे शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया। जिलाध्यक्ष शहनवाज खां ने कहा कि वर्ष 2001 से शिक्षामित्र परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा देने का काम कर रहे हैं। हालांकि उनका समायोजन सहायक अध्यापक पद पर कर दिया गया था लेकिन वर्ष 2017 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद किए जाने के बाद करीब 11 सौ शिक्षामित्रों की असामयिक मौत हो चुकी है। समायोजन रद करने के बाद न्यायालय ने दो लगातार भर्तियों में मौका देकर शिक्षक बनाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन अधिकतर शिक्षामित्रों के बगैर टेट पास हुए ही शिक्षक पद पर हो रही भर्ती से शिक्षामित्र भविष्य को लेकर ¨चतित हैं। महामंत्री आनंद कुमार यादव, विनोद कुमार गौतम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया। सतीश कुमार पाल, कमलेश कुमार, प्रेमशंकर, महेश उपाध्याय आदि ने कहा कि उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 25 जुलाई 2018 को हाई पावर कमेटी गठित की गई थी। उसमें भी अभी तक कोई निराकरण नहीं किया गया। शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री से समायोजित करने की मांग की। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शिक्षामित्र थे।