अतिक्रमण के जबड़े में छटपटा रही पटरियां, चलाइये हथौड़ा
सड़क की पटरियों का अस्थाई रूप से उपयोग कर रोजी रोटी कमाने वालों को प्रशासन ने चेतावनी दे दी है। एक सप्ताह में उन्होंने स्वयं से पटरी खाली नहीं किया तो प्रशासन न सिर्फ अतिक्रमण हटवाएगा बल्कि कार्रवाई लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। ऐसा कहना है कि उपजिलाधिकारी अभय कुमार पांडेय का। सवाल यह पैदा होता है कि स्थाई अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कब कार्रवाई की जाएगी। अभियान के दौरान शहर के प्रमुख मार्गों स्थित पटरियों पर पूरी तरह कब्जा करने वालों के खिलाफ भी प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत है। गरीब पटरी दुकानदारों को खदेड़ने के साथ साथ स्थाई रूप से अतिक्रमण करना वाले बड़े व्यवसायियों को भी निशाने पर लेने की जरूरत है।
जागरण संवाददाता, भदोही : सड़क की पटरियों का अस्थाई रूप से उपयोग कर रोजी-रोटी कमाने वालों को प्रशासन ने चेतावनी जारी कर दी है। एक सप्ताह में उन्होंने स्वयं पटरी खाली कर देना है। इसके बाद प्रशासन न सिर्फ अतिक्रमण हटवाएगा बल्कि लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई भी करेगा। कुछ यही दावा किया है प्रशासन ने। एसडीएम अभय कुमार पांडेय को उन इलाकों में नजर दौड़ानी चाहिये, जहां पटरियां लंबे समय से अतिक्रमण के जबड़े में छटपटा रही हैं। यहां उन्हें पूरा दम लगाकर हथौड़ा चलाने की जरूरत है। अगर पिछले अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई तो हालत बहुत बुरा होने वाला है। कारण कि अतिक्रमण के खिलाफ अनवरत हल्ला बोलने की जरूरत है। एसडीएम ने बताया कि अभियान शुरू होगा तो सड़क व नाली के बीच आने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केस 1 : अजीमुल्लाह चौराहा पर पुलिस बूथ से लेकर धौरहरा तक दोनों पटरियों को इंटरलाकिग से लैस किया गया है। लेकिन पटरियों पर स्थाई व अस्थाई रूप से दुकनदारों ने कब्जा कर लिया है। गुमटियां रखी हैं तो कुछ लोगों ने स्थाई रूप से निर्माण भी करा लिया है। बचे स्थान वाहन पार्किंग के काम आ रहे हैं। यानी वाहनों के साथ राहगीर भी सड़क पर आवागमन करने को विवश हैं जबकि पटरियां गायब हैं। केस 2 : शहर के मुख्य मार्ग भरत तिराहा पर लबे रोड ट्रांसफार्मर रखा हुआ है। दोनों ओर दुकानों का तांता दूर तक लगा हुआ है। चायपान के साथ मिष्ठान विक्रेताओं ने भी पटरी पर ही दुकान लगा रखा है। रामलीला मैदान मोड़ तक दोनों ओर की पटरियां अतिक्रमण की जद में हैं। पास ही सब्जी व गल्ला मंडी होने के कारण अक्सर बड़े माल वाहनों का आवागमन लगा रहता है, इसके चलते यहां जाम की समस्या बनी रहती है। केस 3 : शहर के सर्वाधिक जाम वाला क्षेत्र है लिप्पन तिराहा। यहां पटरी है नहीं। तीनों ओर निकलने वाले मार्गों की पटरियां ही गायब हैं। दशकों पहले स्थानीय दुकानदारों ने स्थाई भवन का निर्माण कराया है। प्रशासन की उदासीनता का परिणाम अब जनता जाम के रूप में भुगत रही है। पिछले अतिक्रमण हटाओ अभियान में भी इसे नजरअंदाज कर दिया गया। लोगों का मानना है कि इस स्थान पर पटरियां होतीं तो शायद जाम की समस्या इतना गंभीर रूप न लेती।