मजहबे इस्लाम देता है बेटियों को तालीम की इजाजत
शहर के जलालपुर स्थित शुल्कमुक्त तकवा इस्लामिक गर्ल्स स्कूल में रविवार को आयोजित वार्षिक समारोह के दौरान डेढ़ दर्जन छात्राओं को आलिमात व कारिया की डिग्री से नवाजा गया। उन्हें प्रमाण पत्र के साथ साथ (रिदा)अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आयोजित जलसे में महिला आलिमात ने औरतों के किरदार और उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराते हुए दीनी व दुनियावी तालीम हासिल करने पर बल दिया। वाराणसी की आलिमा रिजवाना ने कहा कि कुछ लोग बेटियों की तालीम (शिक्षा) के लेकर संकीर्ण विचार रखते हैं जो गलत है। कहा कि बेटों की तरह बेटियों को भी उच्च शिक्षा दिलाना जरूरी है।
जागरण संवाददाता, भदोही : शुल्क मुक्त तकवा इस्लामिक गर्ल्स स्कूल जलालपुर, भदोही में रविवार की देर शाम आयोजित वार्षिक समारोह डेढ़ दर्जन छात्राओं को आलिमा व कारिया की डिग्री से नवाजा गया। उन्हें प्रमाण पत्र व (रिदा) अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आयोजित जलसे में महिला आलिमात ने औरतों के किरदार और उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराते हुए दीनी व दुनियावी तालीम हासिल करने पर बल दिया।
वाराणसी की आलिमा रिजवाना ने कहा कि कुछ लोग बेटियों की तालीम (शिक्षा) के लेकर संकीर्ण विचार रखते हैं जो गलत है। कहा कि बेटों की तरह बेटियों को भी उच्च शिक्षा दिलाना जरूरी है। कहा कि मजहबे इस्लाम भी इसकी इजाजत देता है। बेटियां जब उच्च शिक्षा हासिल करेंगी तभी समाज व कौम की तरक्की का रास्ता खुलेगा। घोसी से आई आलिमा नासिरा ने दीनी व दुनियावी तालीम के साथ तकनीकी शिक्षा पर बल दिया। कहा कि बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उनका हुनरमंद व तालीमयाफ्ता होना जरूरी है। कहा कि एक बेटी के शिक्षित होने से दो घरों में शिक्षा की रोशनी फैलती है। इस दौरान महिलाओं को उनकी घरेलू व सामाजिक जिम्मेदारियों से भी अवगत कराया। इससे पहले कार्यक्रम का आगाज तिलावते कुरआन से किया गया। शायरात में वाराणसी की साजिया अंसारी, शमा नूरी के अलावा स्कूल की कई छात्राओं ने नाते रसूल का नजराना पेश किया।