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ज्ञानपुर में रजिस्ट्री बार कोड और गोपीगंज डाकघर में रसीद खत्म

केस 1 पत्र भेजने की जरुरत पर संसारापुर गांव के त्रिलोकी नाथ ज्ञानपुर डाकघर में रजिस्ट्र

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 10:01 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 10:01 PM (IST)
ज्ञानपुर में रजिस्ट्री बार कोड और गोपीगंज डाकघर में रसीद खत्म

केस 1 : पत्र भेजने की जरुरत पर संसारापुर गांव के त्रिलोकी नाथ ज्ञानपुर डाकघर में रजिस्ट्री को गए थे। काउंटर पर कतार में लगने के आधा घंटा बाद जब नंबर आया तो डाककर्मी ने कहा कि केवल स्पीड पोस्ट होगा, क्योंकि बार कोड ही समाप्त है। कानूनी मान्यता न होने की वजह से स्पीड पोस्ट नहीं किए। केस 2 : ज्ञानपुर के राजेंद्र कुमार की यही पीड़ा रही। बताया कि विपक्षी लोग भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। अधिकारियों को पंजीकृत डाक से पत्र भेजने के लिए कतार में लगा हूं। उम्मीद थी कि नंबर आने के बाद रजिस्ट्री हो जाएगी लेकिन इंतजार के बाद नंबर आया। बार कोड नहीं है इसलिए रजिस्ट्री नहीं होगी।

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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : यह दो मामले तो सिर्फ बानगी भर हैं। दो दिनों से ज्ञानपुर डाकघर में कुछ यही हाय-तौबा मची है। 1400 से अधिक ग्राहक रजिस्ट्री बार कोड नहीं होने के कारण वापस हो जा रहे हैं, जिसमें अधिकांश लोग पैरवी और नोटिस के भी मामलों से जुड़े हैं। पंजीकृत डाक से कोई भी पत्र भेजना चाह रहे हैं तो उनके सामने स्पीड पोस्ट ही एकमात्र विकल्प है।

स्पीड पोस्ट का विकल्प चुनने पर रजिस्ट्री की तुलना में उन पर 20 रुपये की अतिरिक्त चपत लग रही है। जनपद के मुख्य डाकघर में बार कोड स्टीकर की आमद बंद हो गई है। सप्ताह भर पहले भी दस दिनों तक यही दिक्कत थी। शिकायत के बाद किसी तरह बार कोड मुहैया कराया गया लेकिन फिर वही रोना है। यहां 700 रजिस्टर्ड डाक रोजाना होते थे, जो अब प्रभावित हैं।

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डाकघर कर्मचारियों से ग्राहकों का हो रहा झगड़ा

गोपीगंज डाकघर की भी स्थिति खराब ही है। यहां सभी तरह के पत्रों को भेजने के लिए बार कोड तो है लेकिन ग्राहकों को पत्र पोस्ट करने पर दी जाने वाली रसीद ही समाप्त हो गई है। यहां सादा पन्ना पर रसीद का प्रिट निकालकर ग्राहकों को देकर काम चलाया जा रहा है। पत्र भेजने पर दी जाने वाली डाक विभाग के लोगो वाली रसीद नदारद होने से डाकघर कर्मियों को ग्राहकों से दिक्कत हो रही है। अब तो अधिकांश डाक कर्मचारियों से ग्राहकों का खूब झगड़ा हो रहा है।

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क्यों है बार कोड जरूरी : ऑनलाइन व्यवस्था की वजह से बगैर बार कोड के रजिस्ट्री व स्पीड पोस्ट के पत्रों को प्रेषित नहीं किया जा सकता। रजिस्टर्ड डाक भेजने का न्यूनतम मूल्य 22 रुपये है। चूंकि पंजीकृत डाक नहीं भेजा जा रहा है, इसलिए उपभोक्ता को 42 रुपये खर्च कर स्पीड पोस्ट भेजना पड़ रहा है। ज्ञानपुर डाकघर में रजिस्ट्री बार कोड की दिक्कत पहली बार नहीं है। इस माह में समस्या यह दूसरी बार है। इसके पहले भी चार माह में यह समस्या बनी थी।

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माह में दूसरी बार दिक्कत

ज्ञानपुर डाकघर में रजिस्ट्री बार कोड की दिक्कत की यह दूसरी समस्या है। डाक अधीक्षक वाराणसी राम मिलन ने बताया कि ज्ञानपुर डाकघर से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है। बार कोड की समस्या बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा है तो डिमांड न किया जाना घोर लापरवाही है। अभी पोस्टमास्टर से बात कर इंडेंट मांगा जाएगा। इंडेंट मिलते ही बार कोड उपलब्ध करा दिया जाएगा।

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50 फीसद डाकघरों में समस्या

जनपद में कुल 96 डाकघर हैं, इसमें 50 फीसद डाकघरों में समस्या है। रजिस्ट्री के लिए पोस्टऑफिस आने वाले ग्राहक रजिस्टर्ड पत्र भेजे वापस होना पड़ रहा है। या फिर स्पीड पोस्ट भेज रहे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ताओं की मानें तो न्यायालय की नोटिस पंजीकृत डाक से ही मान्य होती है। बार कोड न होने से पक्षकारों को नोटिस भेजने के लिए भदोही, गोपीगंज समेत अन्य डाकघरों में भटकना पड़ रहा है।


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