जिला अस्पताल परिसर बना वाहनों का अड्डा
महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल बाहरी वाहनों के पार्किंग का अड्डा बन गया है। अस्पताल में आने वाले मरीजों के कम बाहरी वाहनों का पूरे दिन अस्पताल परिसर में कब्जा रहता है। हद तो यह है कि बेतरतीब वाहन पार्किंग से इमरजेंसी वार्ड तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाते हैं। जिससे गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को समय से उपचार नहीं मिल पाता।
जासं, ज्ञानपुर (भदोही) : महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल बाहरी वाहनों के पार्किंग का अड्डा बन चुका है। परिसर के अंदर बेतरतीब वाहनों को खड़े होने से एंबुलेंस फंस जाते हैं तो मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है। गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों का समय से इलाज भी नहीं हो पाता है। इसको लेकर जिम्मेदार अधिकारी अंजान बने हुए हैं।
जिला अस्पताल में अवैध रूप से हो रही पार्किंग से मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। यहां पर पूरे जिले के गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज उपचार कराने आते हैं। खास बात तो यह है कि किसी दुर्घटना में घायल मरीजों को लेकर आने वाले एंबुलेंस भी फंस जाते हैं। ऐसी स्थिति में मरीजों को तत्काल उपचार की जरूरत होती है लेकिन बेतरतीब वाहनों से उनका इलाज समय से नहीं हो पाता है। परिसर में सजते हैं वाहन
- नगर में शादी के कार्यक्रमों में शामिल होने वाले वाहन को अस्पताल परिसर में ही पार्किंग कर दिया जाता है। भले ही मरीजों के वाहन को खड़ा करने के लिए जगह न हो लेकिन ऐसे वाहन चालकों की दबंगई से मरीजों के तीमारदारों और चिकित्सकों को वाहन पार्किंग करने में परेशानी उठानी पड़ती है। अस्पताल में सज रहे ऐसे वाहनों को देखकर सुरक्षा गार्ड भी कुछ बोलकर जहमत नहीं उठाना चाहते हैं। सुरक्षा गार्डो से हो जाती है हाथापाई
- बेतरतीब वाहन पार्किंग मामले में अस्पताल की सुरक्षा में लगे गार्ड जब मना करते हैं। तो सुरक्षा गार्डों से वाहन चालक उलझ जाते हैं। कभी कभी तो बहस से शुरु हुआ विवाद मारपीट में बदल जाता है। जिससे अस्पताल परिसर में हंगामा खड़ा हो जाता है।