राष्ट्रोत्थान के लिए प्राण साधना ही प्राणायाम
पतंजलि योग समिति के तत्वावधान नेशनल इंटर कालेज परिसर में चल रहे सौ घंटे के विशेष सह योग प्रशिक्षण शिविर के 23वें दिन गुरुवार को साधकों ने जमकर योगाभ्यास किया। इस दौरान स्वास्थ्य के लिए योग को रामबाण बताते हुए विभिन्न आसनों से होने वाले विविध लाभ से अवगत कराया गया।
जागरण संवाददाता, भदोही: पतंजलि योग समिति के तत्वावधान नेशनल इंटर कालेज परिसर में चल रहे सौ घंटे के विशेष सह योग प्रशिक्षण शिविर के 23वें दिन गुरुवार को साधकों ने जमकर योगाभ्यास किया। इस दौरान स्वास्थ्य के लिए योग को रामबाण बताते हुए विभिन्न आसनों से होने वाले विविध लाभ से अवगत कराया गया।
योग प्रशिक्षक धीरज ¨सह ने अष्टांगिक योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए यम,नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान व समाधि के बारे मे बताया। कहा कि सत्य, अ¨हसा, अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य यम के अंग है। शौच, संतोष,तप, स्वाध्याय एवं ईश्वरप्रणिधान योग के नियम हैं। कहा कि स्थिरता एवं सुखपूर्वक बैठने की अवस्था आसन है। शरीर एवं मन को एक ही दिशा में सात्विक उन्नति एवं राष्ट्रोत्थान के लिए प्राण साधना ही प्राणायाम है।
उन्होंने बताया कि भारत वर्ष के तमाम ऋषि, मुनियों ने इंही अष्टांगिक मार्गो का अनुसरण किया वे न सिर्फ शतायु हुए बल्कि जीवन के उच्च आदर्श स्थापित किया। कहा कि भौतिकवादी समाज मे जहां मनुष्य प्रकृति का दुश्मन बन बैठा है योग-प्राणायाम ही वह माध्यम है जिससे समाज में प्रेम व भाई चारे की स्थापना हो सकती है। महिला जिला प्रभारी स्नेहलता श्रीवास्तव ने मधुमेह, हृदय के आरोग्य हेतु मेरुदंड, सायटिका में लाभकारी आसनों का अभ्यास कराया। महेंद्र पटेल ने भस्त्रिका, कपालभाति, वाह्य प्राणायाम, उज्जाई, अनुलोम विलोम,भ्रामरी व प्रणव प्राणायाम का अभ्यास कराया। इस अवसर पर आरती ¨सह, सुधा वर्मा, प्रियंका पांडेय, सोहन पाल, संदीप कनोडिया, आशुतोष बरनवाल, संजय मौर्य,सुप्रिया श्रीवास्तव, जगदीश, नियाज अहमद, कमलेश कुमार आदि थे।