मुर्गी पालन से सुधरेगी महिलाओं की माली हालत
विभाग दो सौ महिलाओं को चूजे देगा।
मुर्गी पालन से सुधरेगी महिलाओं की माली हालत
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : महिलाएं भी आर्थिक रूप से सशक्त हों और स्वरोजगार कर परिवार में सहयोग करें। इसके लिए पशुपालन विभाग ने बैकयार्ड पोल्ट्री योजना शुरू की है। अनुसूचित जाति की महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाएगा। लगातार बढ़ रही अंडे की खपत को देखते हुए उन्हें मुर्गी पालन से जोड़ा जाएगा। विभाग दो सौ महिलाओं को चूजे देगा।
महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर स्वावलंबी बनाने के लिए शासन की ओर से तमाम कार्यक्रम व योजनाएं संचालित की जा रही हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समूह गठित कर महिलाओं को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं समूह की महिलाओं को सामुदायिक शौचालयों के संचालन से लेकर कोटे की दुकानों तक को संचालित करने का जिम्मा दिया जा रहा है। अब आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जाति की महिलाओं से पशुपालन विभाग मुर्गी पालन कराएगा।
उन्हें 50-50 चूजे उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. जयसिंह ने बताया कि 200 परिवारों को पूरी तरह से मुफ्त चूजे वितरित करने का लक्ष्य मिला है। लाभार्थियों के चयन की कवायद शुरू हो गई है। 50 मुर्गी के बच्चे यानी चूजे दिए जाएंगे। इसके साथ ही उनके लिए दाना, दवा व बाड़ा बनाने को 435 रुपये अलग से खाते में दिया जाएगा। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को योजना में प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना से महिलाएं अंडा उत्पादन कर आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकती हैं।