पॉलीथिन का धड़ल्ले से हो रहा उपयोग
प्रतिबंध के बाद भी पॉलीथिन के प्रयोग पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। दुकानदारों द्वारा जहां धड़ल्ले से पालीथिन का उपयोग किया जा रहा है वहीं ग्राहक भी इसे अपनाने में कोताही नहीं बरत रहे हैं। ऐसे में प्रतिबंध का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : प्रतिबंध के बाद भी पॉलीथिन के प्रयोग पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। दुकानदारों द्वारा जहां धड़ल्ले से पालीथिन का उपयोग किया जा रहा है वहीं ग्राहक भी इसे अपनाने में कोताही नहीं बरत रहे हैं। ऐसे में प्रतिबंध का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है।
पर्यावरण पर उत्पन्न खतरे के मद्देनजर पॉलीथिन के उपयोग को लेकर लंबे समय से सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। गत माह शासन द्वारा पालीथिन को जड़ से उखाड़ने के लिए इस पर प्रतिबंध लगाते हुए सख्ती से रोकथाम के आदेश जारी किए। प्रशासन हरकत में तो आया लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं की। आलम यह है कि कुछ दिनों तक पॉलीथिन से दूरी बनाए रखने के बाद कुछ दुकानदार पुन: इस धड़ल्ले से उपयोग करने लगे हैं। विशेषकर फल व सब्जी विक्रेता पॉलीथिन से खुद को मुक्त नहीं कर पा रहे हैं। पॉलीथिन पर प्रतिबंध के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई की मांग की गई है।