कालीन नगरी बना सियासी मैदान, माननीय नहीं बनाते हैं नोडल
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) विधान परिषद चुनाव की तिथि घोषित की जा चुकी है। उम्मीदवा
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : विधान परिषद चुनाव की तिथि घोषित की जा चुकी है। उम्मीदवार मतदाताओं को रिझाने के लिए कई हथकंडे अपना रहे हैं। चाय के बहाने बैठक कर वोट मांगने लगे हैं। कालीन नगरी भदोही सियासी मैदान बन चुका है। निर्वाचित होने के बाद विधान परिषद सदस्य बने माननीय जनपद को ठेगा दिखा देते हैं। आजादी के बाद से अब तक भदोही को अपना नोडल नहीं बनाया। वाराणसी-चंदौली- भदोही सीट पर शिक्षक एवं स्नातक सीट पर विधान परिषद सदस्य तो निर्वाचित हुए लेकिन उनकी निगाहों में जनपद उपेक्षित रहा। कई ने तो भदोही में विकास के लिए निधि का धन भी आवंटित नहीं किया।
विधान परिषद भारतीय राज्यों में लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। इसके सदस्य अप्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा चुने जाते हैं। वाराणसी- भदोही- चंदौली निर्वाचन क्षेत्र में स्नातक और शिक्षक सीट पर आजादी के बाद निर्वाचित सदस्य भदोही जनपद को हर समय हांसिए पर रखा। एक दर्जन शिक्षक एवं स्नातक सीट से माननीय चुनाव जीत चुके हैं लेकिन किसी ने भी भदोही को अपना नोडल नहीं बनाया। प्रत्येक वर्ष निधि से मिले उनके डेढ़ करोड़ कहां खर्च हो जाते हैं। इसका सहज पता लगाना मुश्किल होगा। नोडल होने से लाभ
विधान परिषद सदस्य निर्वाचित होने के बाद अपने पसंदीदा जनपद को नोडल बनाया जाता है। इसकी जानकारी शासन को उपलब्ध कराई जाती है। जिस जनपद को नोडल बनाया जाता है, उसी जिले को निधि का धनावंटन किया जाता है। इसके बाद संबंधित जनपदों को माननीयों के प्रस्तावित कार्यों के लिए बजट आवंटित किया जाता है।
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पूर्व एमएलसी अन्नपूर्णा सिंह ने बनाया था नोडल
पूर्व विधानपरिषद सदस्य अन्नपूर्णा द्वारा भदोही को नोडल बनाया गया था। उनके द्वारा भदोही जनपद में सोलर स्ट्रीट लाइट और हैंडपंप भी लगवाए गए थे। पूर्वांचल निधि का चंदौली को नोडल बनाया गया था। बृजेश सिंह को निर्वाचित होने के बाद वर्तमान समय में पूर्वांचल निधि का नोडल भदोही को बनाया गया है।