गंगा की रेती में तैयार होने लगी परवल की खेती
खेती-किसानी - सेमराध, नगरदह, पुरवां गंगा तट पर निराई-गुड़ाई में जुटे किसान - स्वास्थ्य के लिए लाभ
खेती-किसानी
- सेमराध, नगरदह, पुरवां गंगा तट पर निराई-गुड़ाई में जुटे किसान
- स्वास्थ्य के लिए लाभकारी, पैदावार से सुधरेगी किसानों की हालत
जासं, ऊंज (भदोही) : भोजन की थाली में सब्जियों के रूप में अच्छी खासी पहचान बना चुकी परवल एक बहुवर्षीय फसल है। परवल बहुत ही पौष्टिक स्वास्थ्यवर्धक व औषधीय गुणों से भरपूर एवं आसानी से पचने वाली शीतल पित्तनाशक सब्जी है। इसमें विटामिन, कार्बोहाइड्रेट तथा प्रोटीन की प्रचुरता पाई जाती है। ऐसे में जिस तरह यह स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है उसी तरह यदि इसकी खेती से मिलने वाली उपज से किसानों की माली हालत भी सुधर सकती है। विशेषकर गंगा की रेती में परवल की खेती तैयार होने लगी है। लहलहाने लगी परवल के पौधों को देख किसान भरपूर पैदावार को लेकर आशान्वित होने लगे हैं।
डीघ ब्लाक क्षेत्र के सेमराधनाथ धाम सहित नगरदह, पुरवां सहित अन्य स्थानों पर गंगा तट के किनारे रेत में परवल की खेती बहुतायत में होती है। खास बात यह है कि स्थानीय लोगों के यहां अन्य जिलों से आकर लोग किसानों के खेत को लीज पर लेकर परवल की खेती करते हैं। मौजूदा समय में परवल के पौधे जहां बढ़वार की ओर हैं तो फसल को देख किसान पूरी मेहनत के साथ फसल की देखभाल करने में जुटे हुए हैं। परवल की खेती करने वाले अशोक, रामराज आदि ने बताया कि वह प्रति वर्ष परवल की बोआई करते हैं। किसान परिवार मौजूदा समय में फसल की निराई-गुड़ाई में लगी हुई हैं। बताया कि इसकी पैदावार से होने वाली आमदनी से पूरे परिवार का खर्च चलाते हैं। बहरहाल रेत में परवल की खेती तैयार होने लगी है।